व्यक्ति से बड़ा समाज और समाज से बड़ा देश : गोविंदाचार्य
रिपोर्ट: ओम प्रकाश चौहान। वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार ग्रेटर नोएडा
राष्ट्रचिंतना मंच की शाल्वी गोष्टी आयोजित
ग्रेटर नोएडा : प्रबुद्ध नागरिकों के मंच राष्ट्रचिंतना की 16 वीं गोष्ठी का आयोजन ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट के सभागार में आयोजित किया गया। “प्रकृति केंद्रित विकास” विषय पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में केएन गोविंदाचार्य (संस्थापक, राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन) उपस्थित रहे ।
प्रो बीएस राजपूत, नरेश गुप्ता, अजय गुप्ता, कृष्णानंद सागर, भारत विकास परिषद के प्रांत अध्यक्ष एनके शर्मा ने गोविंदाचार्य और गोस्वामी सुशील महाराज का पटका पहनाकर स्वागत किया। प्रोफेसर विवेक कुमार ( हैड एमिटी प्रौद्योगिकी संस्थान) ने गोष्ठी का संचालन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोविंदाचार्य ने कहा कि भारत
देश विविधता वाला देश है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति से बड़ा समाज, समाज से बड़ा देश है। जल, जंगल, जमीन यदि नहीं रहे तो हम भी नहीं रहेंगें। इसलिए हम सब का दायित्व बनता है कि हमें सरहद, समाज और संस्कृति सभी को बचाना है। पिछले पांच सौ वर्षों के विकास के प्रयास, छद्म प्रयास हैं। उन्नति, सतत विकास और शांति, तीनों होने चाहिए। हमारे यहां कृषि पंचांग नष्ट हुआ है। प्रकृति ने भूगोल बनाया है, मनुष्य ने इतिहास बनाया है। हमारे देश में विकेंद्रीकृत स्वदेशी विकास होना चाहिए। नए देव व नए तीर्थों की वंदना यही राम राज्य है। नजरिया बदले तो, नजर बदलें, समाज एवं सरकार दोनों सक्रिय हो तभी उन्नति संभव है।
राष्ट्रचिंतना के अध्यक्ष प्रोफेसर बलवंत सिंह राजपूत ने कहा कि भारतीय जीवन पद्वति यज्ञमय पद्वति रही है और इसमें हमेशा से प्रकृति से साम्य स्थापित कर सतत विकास की परिपाटी रही है। दुनिया जिस पर्यावरण संरक्षण की बात आज कर रही है, उसका ज्ञान हमारे यहां वैदिक काल से है।
अंत में सभी उपस्थित बंधु भगिनी ने राष्ट्रगान किया। गोष्ठी में राजेंद्र सोनी, प्रो आर एन शुक्ला, प्रो सतीश चन्द्र गर्ग, विपिन जी, पंकज जी, बिजेंद्र, अश्विनी, इंद्रजीत, श्रीनिवास, भोला ठाकुर, गजानन माली, डॉ रुद्रेश पांडे, डॉ संदीप कुमार, आर के शर्मा, राजेश बिहारी, संगीता वर्मा, दीवान सिंह, डॉ पी के तोमर, गुड्डी तोमर, अशोक राघव, मेजर निशा, मेजर सुदर्शन, योगेश, अवनेश, मेजर सुरेश राणा, धर्म पाल भाटिया, डॉ रूप चंद शर्मा, विवेक द्विवेदी, प्रो राजेंद्र पुरवार, डॉ निधि माहेश्वरी, आचार्य शिव किशोर, सरोज अरोरा, मीनाक्षी माहेश्वरी, रविन्द्र पाल सिंह, डॉ ऐ के सिंह, डॉ अंबिका प्रसाद पांडेय, डॉ बी के श्रीवास्तव, विनीत कुमार, हेम सिंह नागर, डॉ जयश्री पुरवार, कैप्टन राजीव सक्सेना, डॉ विश्वदीपक वाघेला, प्रेरणा, रविन्द्र भाटी, डॉ अनिल वार्ष्णेय, रजत टंडन, ब्रिगेडियर राज बहादुर शर्मा, अमित कुमार शर्मा आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।