अवैध नर्सिंग होम में महिला की आपत्ति, मृत बच्चे के जन्म का मामला सामने आया
नहटौर। नगर में अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम में एक प्रसव के दौरान महिला की तबीयत बिगड़ने से हड़कंप मच गया। महिला को गंभीर हालत में एक अन्य निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने मृत बच्चे को जन्म दिया। इस घटना के बाद परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, महिला को प्रसव के लिए नहटौर के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। बताया गया कि नार्मल डिलीवरी करवाने के प्रयास में महिला की हालत बिगड़ गई। स्थिति नियंत्रण से बाहर होती देख, नर्सिंग होम के चिकित्सक उसे आनन-फानन में एक अन्य निजी अस्पताल ले गए। वहां महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया।
इस घटना ने नगर में अवैध नर्सिंग होम की समस्या को उजागर कर दिया है। बताया जा रहा है कि नहटौर में कई नर्सिंग होम बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं। इनमें मरीजों की सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाहियां सामने आ रही हैं। यहां तक कि कुछ स्थानों पर चिकन सेंटर के बोर्ड लगाकर नर्सिंग होम चलाए जा रहे हैं, जिससे चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि नहटौर और आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा को भी उजागर करती है। अवैध नर्सिंग होम में चिकित्सा सुविधाओं की कमी और अनियंत्रित संचालन न केवल मरीजों की जान के लिए खतरनाक हैं, बल्कि ये पूरे चिकित्सा तंत्र पर सवाल खड़े करते हैं।
मुख्य बिंदु:
1. मरीजों की सुरक्षा की अनदेखी:
अवैध नर्सिंग होम बिना आवश्यक लाइसेंस, प्रशिक्षित स्टाफ और मानकों के संचालन कर रहे हैं।
ऐसे संस्थानों में आपातकालीन स्थिति को संभालने की कोई तैयारी नहीं होती।
2. प्रशासन की जवाबदेही:
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से ऐसे नर्सिंग होम फल-फूल रहे हैं।
अवैध रूप से चलने वाले इन संस्थानों पर नियमित जांच और कार्रवाई नहीं हो रही।
3. स्थानीय मांग:
स्थानीय लोगों ने ऐसे नर्सिंग होम के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है।
अवैध चिकित्सा संस्थानों की पहचान कर उन्हें बंद करने की आवश्यकता है।
यह घटना प्रशासन और समाज दोनों के लिए चेतावनी है। आवश्यक है कि स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी और नियमन के लिए मजबूत कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।