ठाकुर बांके बिहारी के दर्शनों के लिए उमड़ा आस्था का सैलाब
भीड़ के दबाव के चलते दो महिलाओं की मौत
वृंदावन। जग प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में नव वर्ष एवं क्रिसमस की छुट्टियां को मनाने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भीड़ का दबाव इतना अधिक था कि नगर के हर गली मोहल्ले श्रद्धालुओं की भीड़ से पटे हुए नजर आए। श्रद्धालुओं की इसी भीड़ में ठाकुर बांके बिहारी मंदिर दर्शन करने जा रही सीतापुर की एक महिला तथा दर्शन कर लौट रही जबलपुर की एक महिला की मृत्यु हो गई।
रविवार को वृंदावन में भीड़ का दबाव इतना अधिक था कि नगर में ऐसा कोई भी स्थान नहीं था जहां वाहनों की तो छोड़िए पैदल निकलना भी मुश्किल था। बांके बिहारी मंदिर की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर जयपुरिया भवन के निकट सीतापुर की रहने वाली 70 वर्षीय बीना गुप्ता अत्यधिक भीड़ में फंसकर बेहोश हो गई। इसी दौरान महिला के पति ओमप्रकाश किसी तरह बीना गुप्ता को भीड़ भाड़ से निकलकर चिकित्सालय लेकर पहुंचे। लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। वहीं दूसरी घटना विद्यापीठ चौराहा के समीप की है। जिसमें जबलपुर की रहने वाली मंजू मिश्रा पत्नी भोला मिश्रा दोपहर लगभग 1:30 बजे बांके बिहारी मंदिरों के दर्शनों के उपरांत लौट रही थी। इसी दौरान भीड़ के चलते उनका सर हाई मास्क लाइट के पोल से जा टकराया। जिससे घायल होकर वह सड़क पर गिर पड़ी। स्थानीय लोगों की मदद से मंजू मिश्रा को चिकित्सालय पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
गौरतलब बात यह है कि एक ओर देश में जहां कोरोना एक बार फिर अपने पैर पसारने की तैयारी में है। वहीं दूसरी ओर सरकार की विभिन्न एडवाइजरी को धता बताते हुए लोग आस्था के नाम पर अपनी तथा दूसरों की जान को जोखिम में डालने से नहीं चूक रहे हैं। मथुरा जिला प्रशासन द्वारा भी कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए दर्शनार्थियों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। वहीं पुलिस द्वारा भी भीड़ को नियंत्रित करने के भरसक प्रयास किया जा रहे हैं लेकिन लोगों की उमडती हुई भीड़ के आगे सभी प्रयास विफल नजर आ रहे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ का खामियाजा स्थानीय लोगों को भी उठाना पड़ रहा है और लोग आवश्यक कार्यों से भी अपने घर से निकलने से बच रहे हैं।