औषधीय पौधों की व्यवसायिक खेती से कृषक बनें आत्मनिर्भर
“फसल विविधिकरण आधारित” तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ संपन्न
प्रशिक्षण के अंतिम दिन कृषकों को दी मोरिंगा सहित अन्य औषधीय पौधों की जानकारी
बागपत। नगर के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में आयुर्वेट रिसर्च फाउंडेशन द्वारा एवं नाबार्ड की मदद से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शनिवार को समापन हुआ। औषधीय पौधों की खेती पर आधारित इस प्रशिक्षण में 25 किसानों ने प्रतिभाग कर औषधीय पौधों की व्यवसायिक खेती पर विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त की। क्षेत्रीय यूनानी अधिकारी डॉ मोनिका गुप्ता ने मोरिंगा से होने बाले लाभ एवं उनका उपयोग तथा मोरिंगा की सम्पूर्ण जानकारी दी।
प्रोजेक्ट के अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि आयुर्वेट रिसर्च फाउंडेशन द्वारा कृषकों के लिए औषधीय पौधों की खेती हेतु पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है जिसमें लगातार मार्गदर्शन, मौसम पूर्वानुमान की जानकारी, तकनीकी ज्ञान सहित विभिन्न पहलू शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट का उद्देश्य कृषकों को फसल विविधिकरण अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए औषधीय पौधों की व्यवसायिक खेती की जानकारी देना है जिसके अंतर्गत जिले के 25 किसानों का चयन हुआ है। आयुर्वेट से कृष्ण गोपाल ने कहा कि कि बागपत में गिरते भूजल स्तर को देखते हुए फसल विविधिकरण बेहद आवश्यक है जिसके लिए संस्थान कार्य कर रहा है।
वहीं प्रशिक्षण के अंतिम दिन में मोरिंगा की खेती, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट और मूल्य संवर्धन पर विशेषज्ञों ने जानकारी दी। इस प्रशिक्षण के दौरान राहुल, उमाशंकर, अरविन्द, इंद्रपाल, सुरेंद्र सिंह एवं अन्य उपस्थित रहे।