“त्वरित मक्का विकास योजना” कागज़ के खेतों में लहलहा रही है मक्का की फसल
महत्वपूर्ण योजना को भी पलीता लगा रहे हैं,बिजनौर के अधिकारी
यूपी में 8.30 लाख हेक्टेयर
में होती है मक्के की खेती। कुल उत्पादन करीब 21.16 लाख टन टन होता है। प्रदेश सरकार की मदद भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से संबद्ध भारतीय मक्का संस्थान भी कर रही है। धान और जमीन के बाद यह अनाज की तीसरी प्रमुख फसल है। उपजी और रकबा सहायक वर्ष 2027 तक इसके उपजी डबल के पीछे मक्के का बहुपयोगी होना है। अब तो इथेनॉल उत्पादन में भी भविष्य में इसका उपयोग बढ़ गया है10 एकड़ क्षेत्र में मक्का की खेती कराने में नाकाम साबित हुआ कृषि विभाग
बिजनौर। जिले का कृषि विभाग 10 एकड़ क्षेत्र में मक्का की खेती कराने में नाकाम रहा है। दरअसल प्रदेश सरकार की ओर से जनपद बिजनौर को सभी 11 ब्लॉक में प्रति ब्लॉक एक एकड़ क्षेत्र में मक्का की खेती कराने का लक्ष्य दिया गया था। सूत्रों का कहना है कि एक ब्लॉक के किसानों ने तो इस योजना में रुचि ही नहीं दिखाई, जबकि अन्य 10 ब्लॉक अंतर्गत कागज़ के खेतों में फसल बुआई कर दी गई। केंद्र और प्रदेश सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के धराशाई होने को लेकर कृषि विभाग के अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं।
उप निदेशक कृषि प्रसार ने किया मौन व्रत धारण
इस संबंध में उप निदेशक कृषि प्रसार ने बताया कि एक ब्लॉक को छोड़ कर सभी दस विकास खंडों में मक्का के प्रदर्शन से किसानों के खेतों कराया गया है। दो किसानों के नाम बता कर चुप्पी साध ली । जब उनसे समस्त किसानों के नाम पूछे गए तो बहाने बनाते हुए मौन व्रत धारण कर लिया।
*त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम*
उत्तर प्रदेश मंत्री परिषद ने राज्य में मक्का के उत्पादन, उत्पादकता एवं बुआई के क्षेत्र में वृद्धि के लिए “त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम” योजना के संचालन को मंजूरी दी है। योजना को राज्य के सभी जिलों में लागू करने की योजना बनाई गई। योजना के तहत राज्य में किसानों को मक्का की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही मक्का उत्पादन से अतिरिक्त लाभ प्रदान करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम संचालित किए जाने थे। मंत्री परिषद द्वारा प्रस्तावित 04 वर्षीय योजना के माध्यम से मक्का के आच्छादन में लगभग 02 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में विस्तार एवं 11 लाख मीट्रिक टन से अधिक का अतिरिक्त उत्पादन का अनुमान रखा गया।राज्य में मक्का उत्पादन बढ़ने से प्रदेश की इकोनॉमी को 01 ट्रिलियन यू.एस. डॉलर तक पहुँचाने में मदद मिलेगी। त्वरित मक्का विकास योजना के तहत किए जाने वाले काम: प्रदेश में मक्का का उत्पादन खरीफ, रबी एवं जायद तीनों सीजन में होता है, परन्तु मक्का के लिए खरीफ मुख्य सीजन है। वर्तमान में प्रदेश में मक्का का क्षेत्रफल लगभग 8.30 लाख हेक्टेयर, उत्पादन 21.16 लाख मीट्रिक टन तथा औसत उत्पादकता 25.49 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। योजना के तहत मुख्य रूप से देशी मक्का, संकर मक्का के साथ–साथ प्रदेश में पॉपकार्न, स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की बढती मांग को देखते हुए मक्का के इन सभी प्रजातिओं के उन्नत तकनीकी प्रदर्शन, अनुदान पर संकर बीज वितरण, प्रचार–प्रसार कार्यों के अंतर्गत कृषक अध्ययन भ्रमण, ग्राम पंचायत, विकास खंड, जनपद एवं राज्य स्तर पर गोष्ठियों / कार्यशाला का आयोजन तथा मक्का प्रसंस्करण के अंतर्गत मेज सेलर एवं बेच ड्रायर मशीनों पर अनुदान सुविधा प्रस्तावित की गई। योजना के अंतर्गत 4 वर्षों (2024-25 से 2027-2028 तक) में 01 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में उन्नत तकनीकी प्रदर्शन, 22500 क्विंटल मक्का संकर बीज का अनुदान पर वितरण सहित प्रचार–प्रसार के कार्यक्रमों और मक्का प्रसंस्करण पर अनुदान सुविधा उपलब्ध कराई जानी है। इसके लिए सरकार योजना के अंतर्गत कुल 146.56 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की।
*2027 तक मक्का उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य*
राज्य सरकार ने वर्ष 2027 तक मक्का उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार ने खेती के क्षेत्र और प्रति हेक्टेयर उपज दोनों को बढ़ाने की योजना बनाई है। जानकारी के अनुसार राज्य ने वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए 27.68 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता के साथ “त्वरित मक्का विकास योजना” शुरू की है। यह मक्का की खेती की तकनीक में प्रगति और राज्य भर में उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए बनाई गई है। फिलहाल राज्य में मक्का का उत्पादन वर्तमान में 21.16 लाख टन तक पहुंच चुका है।
*गन्ने की जगह मक्के से इथेनॉल बनाने की तैयारी*
उत्तर प्रदेश में गन्ने की जगह मक्के से इथेनॉल बनाने की तैयारी चल रही है। विभागीय जानकारी के अनुसार, कृषि विभाग और चीनी मिल संचालकों ने हर चीनी मिल क्षेत्र में मक्के की खेती वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए चर्चा शुरू कर दी है। वर्तमान में राज्य में करीब 15 कंपनियां इथेनॉल का उत्पादन करती हैं, जिनकी संख्या बढ़ाने की योजना है। वहीं अगले चार वर्षों में मक्का की खेती को 200,000 हेक्टेयर तक बढ़ाने की योजना को समर्थन देने के लिए, राज्य सरकार किसानों को मक्का की खेती से संबंधित उपकरणों पर सब्सिडी देगी। किसानों को मक्का विकास से संबंधित उपकरण सब्सिडी दरों पर उपलब्ध कराए जाएंगे।