साड़ी खंड में प्रशासन की अनदेखी, अवैध खनन से हो रहा करोड़ों का नुकसान
BANDA . पैलानी तहसील क्षेत्र के साड़ी खंड गाटा संख्या 77 में अवैध खनन का खेल प्रशासन की नाक के नीचे जारी है। न्यू यूरेका माइन्स मल्होत्रा एंड कंपनी के तहत संचालित इस खदान में प्रतिबंधित भारी-भरकम हैवी पोकलैंड मशीनों से दिन-रात खनन हो रहा है। बालू माफिया प्रशासन के सख्त निर्देशों को ताक पर रखकर अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
राजस्व की चोरी:
सूत्रों के अनुसार रात्रि के अंधेरे में ओवरलोड ट्रकों के माध्यम से बालू की ढुलाई की जा रही है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। जिलाधिकारी के निर्देशों के बावजूद, माफियाओं पर कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही।
किसानों का उत्पीड़न:
खदान के आसपास के किसानों की जमीन से जबरन बालू निकालने के आरोप भी लगे हैं। किसानों को धमकाकर उनकी सहमति के बिना उनकी जमीन का उपयोग किया जा रहा है। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी जाती है, जिससे क्षेत्र के किसान डरे और परेशान हैं।
पर्यावरण को खतरा:
नदी की जलधारा से खनन किए जाने के कारण जलीय जीव-जंतुओं पर गहरा असर पड़ रहा है। खनन से नदी के बीच बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं।
प्रशासन की चुप्पी:
स्थानीय लोग प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो चर्चित बालू माफिया द्वारा खनन किए जाने की बात सामने आई है। यह माफिया बंदूक की नोक पर खनन गतिविधियों को अंजाम दे रहा है, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
जनता की मांग:
क्षेत्रीय जनता ने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। यदि जल्द ही इन गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह न केवल राजस्व के लिए बल्कि क्षेत्रीय पर्यावरण और किसानों की सुरक्षा के लिए भी घातक साबित हो सकता है।
संवाददाता: राजेंद्र कुमार मिश्रा, बांदा