पैलानी तहसील: साड़ी खदान में माफियाओं की दबंगई जारी, अवैध खनन जोरों पर
रिपोर्ट राजेन्द्र कुमार मिश्रा
BANDA. पैलानी तहसील की साड़ी खदान में अवैध खनन की गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रशासन द्वारा की गई छापेमारी और सख्त चेतावनी के बावजूद खनन माफिया हिमांशु मीना और उसके सहयोगी, बंसल, दुगनी ताकत से बालू निकासी में जुटे हैं।
दुगनी ताकत से अवैध खनन जारी
हाल ही में अधिकारियों ने खदान में छापेमारी कर माफियाओं को सख्त हिदायत दी थी, लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखा। अवैध खनन को रोकने के बजाय, हिमांशु मीना और उसके गुट ने प्रतिबंधित मशीनों की संख्या बढ़ा दी। बताया जा रहा है कि एक दर्जन से अधिक भारी मशीनों का इस्तेमाल कर नदी की धाराओं से बालू निकाली जा रही है।
ग्रामीणों का आरोप: असलहों के बल पर दहशत फैलाने की कोशिश
ग्रामीणों के मुताबिक, माफिया न केवल उनकी जमीनों पर जबरन कब्जा कर रहे हैं, बल्कि विरोध करने वालों को जान से मारने की धमकियां भी दे रहे हैं। स्थानीय किसान ने बताया, “इनकी भारी मशीनों ने खेतों और खदानों में बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए हैं। कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।”
बंसल और माफियाओं का प्रशासन को सीधा चैलेंज
हिमांशु मीना, जावेद, अजहर और बंसल जैसे खनन माफिया जिला प्रशासन के आदेशों को खुलेआम ठेंगा दिखा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये माफिया मल्होत्रा जैसे बड़े गिरोह के अधीन काम कर रहे हैं। बंसल का रवैया इतना आक्रामक है कि वह प्रशासन को खुली चुनौती दे रहा है कि खनन बंद नहीं होगा।
बड़ी दुर्घटना की आशंका
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि बड़े पैमाने पर खनन और गड्ढों के कारण जमीन कमजोर हो गई है। यदि इस पर जल्द रोक नहीं लगाई गई, तो गंभीर हादसा हो सकता है।
प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल
हालांकि प्रशासन ने छापेमारी की कार्रवाई की है, लेकिन माफियाओं पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों ने सरकार और जिला प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है।
यह मामला यूपी में माफियाओं के बढ़ते प्रभाव और प्रशासनिक ढिलाई की गंभीर तस्वीर पेश करता है। क्या सरकार इन अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएगी, यह देखना होगा।