नीम हकीम के इलाज से मौत, परिजनों का हंगामा,निजी अस्पतालों पर उठते सवाल
BIJNOR. अफजलगढ़ के गांव कासमपुरगढ़ी में एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान बुखार पीड़ित युवक की मौत ने चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मृतक नन्हे (40), पुत्र बुद्ध सिंह को बुखार होने पर परिजनों ने गांव के ही एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक द्वारा लगाए गए इंजेक्शन के बाद मरीज की हालत बिगड़ गई और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई।
परिजनों का हंगामा और चिकित्सक की गैरमौजूदगी
नन्हे की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने नर्सिंग होम में जमकर हंगामा किया। स्थिति बिगड़ते देख वहां मौजूद चिकित्सक मौके से फरार हो गया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने गलत उपचार किया, जिससे नन्हे की जान गई।
सूचना मिलने पर कोतवाल योगेश चौधरी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। हालांकि, घटना के बाद मृतक के तीन छोटे-छोटे बच्चों और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
मामले में कार्रवाई की तैयारी
पुलिस प्रशासन ने परिजनों को उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। सीओ अंजनी कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि मृतक के रिश्तेदारों के पहुंचने के बाद परिजन तहरीर देने की बात कह रहे हैं। तहरीर मिलने पर मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की जाएगी।
निजी अस्पतालों पर उठते सवाल
यह घटना निजी नर्सिंग होम और अवैध चिकित्सकों के कामकाज पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में उचित स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव के कारण लोग अक्सर कम प्रशिक्षित या झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाने को मजबूर होते हैं। ऐसे में, गलत उपचार के कारण कई बार मरीजों की जान पर बन आती है।
जरूरत है सख्त निगरानी की
स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वह ऐसे अवैध अस्पतालों और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएं, ताकि लोगों की जान से खिलवाड़ न हो।
यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक गंभीर चेतावनी है।