हाइलाइट्स
कुबेर ने पहले श्रीलंका को अपनी राजधानी बनाते हुए इसे सोने की नगरी बनाया था
कुबेर को धन का देवता माना जाता है, वह छोटे कद के गोलमटोल देवता के रूप में दिखाए जाते हैं
कुबेर धन के देवता है. सोने की लंका बनाने का असली श्रेय कुबेर को ही था. पहले वह उस पर राज करते थे लेकिन बाद में रावण ने अपने अन्य भाइयों और राक्षसों के साथ मिलकर कुबेर की सेना को हराया और इस लंका पर कब्जा कर लिया. तब कुबेर हिमालय की ओर चले गए और वहां अलका में अपनी राजधानी बनाई.
कुबेर को खजाने का मालिक माना जाता है. वह अक्सर भरे-भरे शरीर, गहनों से सजे, धन-पात्र और गदा लिए हुए चित्रित किया जाता है. क्या आपको मालूम है कि कैसे कुबेर की एक आंख हमेशा बंद रहती है और उन्हें एकाक्षीपिंगल कहा जाता है. इस बारे में जानने के लिए आगे पढ़िए कुबेर के बारे में 10 बातें
कुबेर को हिंदू ही बल्कि बौद्ध और जैन धर्म में भी देवता माना जाता है. बौद्ध धर्म में, उन्हें वैश्रवण के नाम से जाना जाता है जबकि जैन धर्म में उन्हें सर्वानुभूति के नाम से जाना जाता है.
कुबेर को अक्सर कमल के पत्तों के समान रंग और बड़े पेट वाले बौने के रूप में चित्रित किया जाता है. कभी-कभी उन्हें एक आदमी की सवारी करते हुए भी चित्रित किया जाता है. कुबेर अपने हाथ में गदा, अनार या धन की थैली रखते हैं. बौद्ध धर्म की प्रतिमाओं में कुबेर को आमतौर पर नेवले के साथ दिखाते हैं.
कुबेर ने इसके बाद दूसरे स्थान पर बैठकर घोर तप किया. तब शिव ने कहा-‘तुमने मुझे तपस्या से जीत लिया है. तुम्हारा एक नेत्र पार्वती के तेज से नष्ट हो गया, इसलिए तुम ‘एकाक्षीपिंगल’ कहलाओगे. हालांकि कुबेर के बारे में कहा जाता है कि वह शिव को बहुत प्रिय थे.
विश्व के धन के कोषाध्यक्ष के रूप में कुबेर की पूजा करने का विधान है. कुबेर को पद्मावती के साथ विवाह के लिए धन का श्रेय देवता वेंकटेश्वर (विष्णु का एक रूप) को भी दिया जाता है. इसकी याद में भक्त वेंकटेश्वर की हुंडी (“दान पात्र”) में पैसे दान करने के लिए तिरुपति जाते हैं, ताकि वह इसे कुबेर को वापस कर सकें. इस कारण से उन्हें लक्ष्मी के साथ भी जोड़ा जाता है.
कुबेर को श्वेतवर्ण का गोल-मटोल शरीर वाला, आठ दांतों का और तीन पैरों वाला देवता माना गया है. वह भीम की तरह अपने साथ गदा भी रखते थे.
अक्सर ये सवाल होता है कि अगर कुबेर धन के देवता हैं तो लक्ष्मी क्या हैं. हिंदू धर्म में लक्ष्मी को धन की देवी और भगवान कुबेर को भी धन का देवता माना गया है लेकिन दोनों के धन के नेचर में कुछ अंतर भी माना गया है. भगवान कुबेर की पूजा स्थायी धन के लिए की जाती है तो माता लक्ष्मी के द्वारा दिया गया धन गतिमान होता है.
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FIRST PUBLISHED : November 9, 2023, 15:09 IST
