अरशद खान/देहरादून. जब भी हम नदी या झरनों के किनारे जाते हैं, तो अक्सर ढेर सारे पत्थर दिखाई पड़ते हैं. छोटे-बड़े आकार के इन पत्थरों को शायद सभी बेकार समझते हैं. जरा सोचिए यदि कोई आपसे कहे कि इन पत्थरों से क्रिएटिव आर्ट तैयार की जा सकती है. साथ ही आपकी अच्छी खासी कमाई हो सकती है. आज हम आपको एक ऐसे ही कलाकार से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जो नदी किनारे पड़े पत्थरों से अलग-अलग तरह की क्रिएटिव वॉल पेंटिंग बना रहे हैं.
यह कहानी देहरादून के अजीत कुमार की है. लोकल 18 से बातचीत में उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी बचपन से पेबल आर्ट बनाती थी. उन्हें भी यह कला उनकी पत्नी ने ही सिखाई है. अब उनका यह शौक रोजगार का जरिया बन चुका है. उन्हें कस्टमर से काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. साथ ही बताया कि काम को शुरू करने से पहले लोगों ने उनसे यह भी कहा कि देहरादून में चारों ओर पहाड़ और पत्थर ही हैं. इसलिए पत्थर से बनी इस पेंटिंग को शायद लोग न पसंद करें, लेकिन जैसे ही अपनी पेबल पेंटिंग मार्केट में उतारी उन्हें बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिलने लगा और अब वह लगातार इस काम को कर रहे हैं.
दुबई, जर्मनी और बैंकॉक तक पेंटिंग की डिमांड
अजीत कुमार ने बताया कि पेबल आर्ट वैसे तो बहुत पुरानी कला है, लेकिन इसको मॉडर्न तरीके से मार्केट में उतारने से इसका क्रेज फिर से देखने को मिल रहा है. उनकी पेंटिंग की डिमांड देशभर में तो है ही, कई देशों में भी उनकी आर्ट पहुंच चुकी है. उन्होंने बताया कि दुबई, जर्मनी, बैंकॉक तक के लोग उनसे पेंटिंग मांगते हैं. वह उन्हें अपने होटल, ऑफिस, घरों की दीवारों पर लगाते हैं. अजीत के मुताबिक, उन्हें बहुत गर्व होता है जब उनकी पेंटिंग आईएएस अकादमी मसूरी और एफआरआई देहरादून जैसे बड़े संस्थानों की दीवारों पर देखी जाती है.
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FIRST PUBLISHED : November 9, 2023, 11:49 IST
