प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने झूंसी में एक अधिवक्ता के घर को तोड़े जाने के मामले की सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि बुलडोजर की कार्रवाई, मनमानी के लिए नहीं है. घर की एक ईंट रखने में वर्षों लग जाते हैं, जबकि तोड़ने में कुछ ही पल लगते हैं. हाईकोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के उपाध्यक्ष से जवाब तलब किया है. उन्हें 20 नवंबर तक यह बताने का आदेश है कि अब तक ध्वस्तीकरण के नाम पर क्या-क्या और कैसे किया. भविष्य में क्या करने की योजना है?
हाई कोर्ट ने कहा कि पीडीए की ऐसी कार्रवाई हैरान कर देने वाली है. अदालत 20 नवंबर फिर सुनवाई करेगी. दरअसल हाईकोर्ट में वकील अभिषेक यादव के झूंसी स्थित मकान के ध्वस्तीकरण के खिलाफ सुनवाई हो रही थी; तब पीडीए के जोनल अधिकारी संजीव उपाध्याय ने मामले को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की. उन्होंने कहा कि वकील के घर को ध्वस्त किए जाने के दौरान अगले दिन हाईकोर्ट में सुनवाई की उन्हें जानकारी नहीं थी.
कोर्ट ने अफसर को लगाई फटकार
इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि आप किसी के घर बुलडोजर ले कर खड़े होंगे और वह आपको मुकदमे की जानकारी न दे; यह संभव नहीं. वह भी तब जब वो खुद वकील हो. इतना सुनने पर अफसर बगले झांकने लगे. पीडीए अधिकारी दोपहर में नोटिस की 300 प्रतियां लेकर कोर्ट पहुंचे. उन्होंने बताया कि शहर में 50 अवैध निर्माण तोड़े गए हैं. अकेले झूंसी जोन में 300 लोगों को नोटिस जारी किया गया है.
पीडीए के लोग आम जनता का उत्पीड़न कर रहे
इधर, बार अध्यक्ष ने कोर्ट में एक सीडी पेश करते हुए दावा किया कि पीडीए के लोग आम जनता का उत्पीड़न करते हैं. दूसरी तरफ कोर्ट ने कहा कि यदि इस सीडी में कोई सबूत है तो इसे यहीं चलाइए और देखें कि क्या सबूत है? कोर्ट ने पीडीए के लॉ अफसर से पूछा कि ध्वस्तीकरण के नोटिस कैसे दिए जाते हैं; क्या इसको लेकर कोई फरमान आता है? इस पर उन्होंने कहा कि कार्रवाई नियमानुसार की जाती है.

नोटिस को लेकर बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा
बार के अध्यक्ष ने इसका प्रतिवाद किया और बताया कि इस नोटिस को लेकर बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है. कोर्ट ने इसका संज्ञान लेते हुए विधि अधिकारी से पीडीए में रखे नोटिस तत्काल पेश करने को कहा. इस पर अफसर 300 नोटिस लेकर कोर्ट में जाहिर हुए. उन्होंने बताया कि अकेले झूंसी जोन में 300 नोटिस जारी किए गए हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 8, 2023, 23:41 IST
