नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाला केस में ईडी की जांच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक पहुंच गई है. ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन जारी होने के बाद अब सवाल उठने लगा है कि क्या मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की तरह उनकी भी गिरफ्तारी होगी? और अगर ऐसा होता है तो फिर क्या दिल्ली की सरकार जेल से चल पाएगी और उससे भी बड़ा सवाल है कि क्या किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है? तो चलिए अरविंद केजरीवाल प्रकरण से इस मामले की सभी संभावनाओं पर प्रकाश डालते हैं और कानूनी के नजरिए से इसे समझने की कोशिश करते हैं.
दरअसल, दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जांच एजेंसी ईडी की हालिया कार्रवाइयों के बीच आम आदमी पार्टी ने सोमवार को अपने विधायकों की बैठक बुलाई और पार्टी ने अरविंद केजरीवाल से दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहने का आग्रह किया, भले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए. बता दें कि दिल्ली शराब कांड में अब तक पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और विजय नायर गिरफ्तार किए जा चुके हैं. हालांकि, अब यहां सवाल यह है कि क्या किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है और अगर हां तो फिर तो क्या वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर राज्य की सेवा करना जारी रख सकता है? अगर अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी होती है तो क्या वह जेल से सरकार चला पाएंगे?
क्या मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है?
क्या मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है? इसका जवाब संविधान से स्पष्ट हो जाता है. भारत के संविधान के मुताबिक, देश में केवल राष्ट्रपति और राज्यपाल ही हैं, जिन्हें कार्यकाल समाप्त होने तक दीवानी और आपराधिक कार्यवाही से छूट प्राप्त है. यह छूट प्रधानमंत्री या किसी मुख्यमंत्री को भी नहीं है. संविधान के अनुच्छेद 361 में कहा गया है कि भारत के राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल अपने आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में किए गए किसी भी कार्यों के लिए किसी भी अदालत के प्रति जवाबदेह नहीं हैं. इस प्रावधान के मुताबिक, राष्ट्रपति और राज्यपाल पर कार्यकाल के दौरान दीवानी या आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. मगर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को यह कानूनी छूट हासिल नहीं है. संविधान के सामने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को समान माना जाता है, जो कानून के समक्ष समानता के अधिकार की वकालत करता है.
जजललिता को पद पर रहते हुए दोषी ठहराया गया था
यहां ध्यान देने वाली बात है कि तमिलनाडु की सीएम रहीं जे जयललिता कार्यकाल के दौरान पद पर रहते हुए दोषी ठहराई जाने वाली पहली मुख्यमंत्री बनीं थीं. इसी तरह, चारा घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, लालू यादव ने इस्तीफा देने के बाद सीएम की कुर्सी राबड़ी देवी को सौंप दी और उन्हें राष्ट्रीय जनता दल के विधायक दल का नेता चुना गया.
क्या गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने की जरूरत है?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए आम आदमी पार्टी के नेता कह रहे हैं कि गिरफ्तारी होने की स्थिति में उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए और जेल से ही सरकार चलानी चाहिए. अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने की जरूरत है? दरअसल, किसी मुख्यमंत्री को केवल तभी पद से हटाया जा सकता है जब उसे किसी मामले में दोषी ठहराया गया हो. टाइम्स ऑफ इंडिया की मानें तो जयललिता के मामले में आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी पाए जाने से पहले उन्होंने तीन साल तक सेवा की थी. हालांकि, एक मुख्यमंत्री के सामने व्यावहारिक चुनौतियां हो सकती हैं, मगर जांच के दौरान वह पद पर बने रहने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं है. इसका मतलब है कि अगर अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार होते भी हैं, जब तक वह दोषी नहीं ठहराए जाते तो उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बने रहने से कानूनी रूप से कोई नहीं रोक सकता है. मगर इस दौरान व्यावहारिक दिक्कतें जरूर हो सकती हैं.
आम आदमी पार्टी ने क्या कहा?
इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के नेता और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भारत के संविधान ने नागरिकों को वोट देने और सरकार और एक लोकप्रिय मुख्यमंत्री को चुनने के मौलिक अधिकारों को चुनौती देने का कानूनी अधिकार नहीं दिया है. संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो कहता हो कि मुकदमे के बहाने गिरफ्तार किए जाने पर मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना होगा. वहीं, दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि पार्टी ने अदालत जाने और जेल में कैबिनेट बैठक आयोजित करने की अनुमति मांगने की संभावना पर भी चर्चा की है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो सभी अधिकारी वहां जाएंगे और हम वहां फाइलें ले जाने के लिए अदालत से अनुमति लेंगे. सीएम अरविंद केजरीवाल जेल से दिल्ली सरकार चलाएंगे और हम जेल से भी दिल्ली के लोगों के लिए काम नहीं रुकने देंगे.
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FIRST PUBLISHED : November 8, 2023, 11:31 IST