जज साहब बेटी की सेहत… ED ने कहा- नहीं… जानें क‍िस केस में आरोपी की दलील को जांच एजेंसी ने नाकारा

Target Tv

Target Tv

दिल्ली शराब नीति में कथित घोटाले का मामले में आरोपी अमित अरोड़ा की अंतरिम जमानत याच‍िका मामले की सुनवाई के दौरान द‍िल्‍ली हाईकोर्ट ने आरोपी और जांच एजेंसी प्रवर्तन न‍िदेशालय (ईडी) की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख ल‍िया है. ईडी ने अमित अरोड़ा की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध किया है.

हाईकोर्ट में अमित अरोड़ा ने बेटी की सेहत का हावला दे कर अंतरिम जमानत की मांग की है. वहीं ईडी ने कहा कि अमित अरोड़ा की बेटी की देखभाल परिवार के सदस्य कर सकते हैं. अमित अरोड़ा के वकील ने कहा कि अरोड़ा की बेटी का 2 दिसंबर को स्कोलास्टिक असेसमेंट टेस्ट (SAT)क‍िया है. उसकी देखभाल की जरूरत है. अरोड़ा की तबीयत भी ठीक नहीं है और वह 29 नवंबर 2022 से हिरासत में हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने 6 सितंबर को अमित अरोड़ा को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने की इजाजत दी थी.

ये मेरे बेटे नहीं हैं, स‍िर्फ… सुप्रीम कोर्ट के क‍िस सवाल पर सत्‍येंद्र जैन ने द‍िया जवाब, जानें मामला

शराब कंपनी बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अरोड़ा ने कहा कि उनकी बेटी का स्वास्थ्य बिगड़ रही है और उसे परिवार के सदस्यों, खासकर माता-पिता द्वारा नियमित निगरानी की जरूरत है. न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने अरोड़ा और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अंतरिम जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया है.

ईडी के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य उसकी बेटी की देखभाल के लिए वहां थे और इस आधार पर उसे रिहा करने की जरूरत नहीं है. अरोड़ा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा कि आरोपी भी इस समय बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती है और कुछ समय के लिए अंतरिम जमानत से न केवल उसे बल्कि उसके परिवार और बीमार बेटी को भी फायदा होगा. वकील ने दावा किया कि अरोड़ा की बेटी ने तीन बार आत्महत्या का प्रयास किया और उसे पैरानॉयड सिज़ोफ्रेनिया का पता चला है. उन्होंने कहा कि उसके लिए आत्महत्या का खतरा है, अगले महीने उसकी परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं और वह तैयारी करने की स्थिति में नहीं है.

पाहवा ने जमानत की गुहार लगाते हुए कहा क‍ि यह पूरी तरह से मानवीय आधार पर है. अरोड़ा को मेडिकल आधार पर कई बार अंतरिम जमानत दी जा चुकी है. वह सीबीआई और ईडी दोनों द्वारा जांच की जा रही उत्पाद नीति मामलों में एक आरोपी के रूप में सामने आए हैं. दो केंद्रीय जांच एजेंसियों के अनुसार, उत्पाद शुल्क नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया.

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सीबीआई की एफआईआर से सामने आया है. दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद 2021-22 के लिए अब रद्द की गई उत्पाद शुल्क नीति सवालों के घेरे में आ गई. दोनों मामलों में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया भी आरोपी हैं.

Tags: Delhi liquor scam, Manish sisodia case

Source link

Target Tv
Author: Target Tv

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स