नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट ने उस नाबालिग लड़की को आश्रय गृह भेज दिया, जिसकी मां ने बेटी के गर्भवती होने के कारण उसे रखने से मना कर दिया है. वह करीब दो महीने पहले लापता हो गई थी. न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति शालिंदर कौर की पीठ ने दिल्ली पुलिस को लड़की को राष्ट्रीय राजधानी के हरि नगर में ‘निर्मल छाया’ आश्रय गृह में ले जाने का निर्देश दिया. हाई कोर्ट लड़की की मां की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. याचिका में पुलिस अधिकारियों को उनकी बेटी को पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जो सितंबर से लापता थी और संदेह था कि वह एक लड़के के साथ भाग गई है.
याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय को बताया कि लड़की को इलाके का एक लड़का बहला-फुसलाकर ले गया, जिसने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और उसका कथित तौर पर अश्लील वीडियो बना लिया है. उसके खिलाफ सितंबर में मामला दर्ज कराया गया था. तीन नवंबर को पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि लड़की को बरामद कर लिया गया है और मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान दर्ज कराया गया है. लड़की ने बताया कि वह छह सप्ताह की गर्भवती है.
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क्यों बेटी को घर नहीं ले जाना चाहती मां?
जब लड़की को अदालत में पेश किया गया, तो पीठ ने उससे बातचीत की और उसने न्यायाधीशों को अपनी गर्भावस्था के बारे में बताया. उसने अपने माता-पिता के पास लौटने की इच्छा भी जताई. लड़की के माता-पिता ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि उनकी नाबालिग बेटी किसी लड़के साथ चली गई थी या गर्भवती हो गई है. उन्होंने कहा कि वे उसे अपने घर नहीं ले जाना चाहते.
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FIRST PUBLISHED : November 8, 2023, 05:41 IST