चुरू. राजस्थान में इस बार के विधानसभा चुनावों में सबसे भीषण सियासी रण कहीं देखने को मिल सकता है तो वो है चूरू जिले की तारानगर सीट. शेखावाटी की तारानगर विधान सभा सीट का इतिहास केवल 46 साल पुराना है. यहां अब तक हुए 10 विधानसभा चुनाव में से 6 बार कांग्रेस, दो-दो बार भाजपा और जनता पार्टी ने जीत हासिल की है. भाजपा ने अपने रणनीतिकार राजेंद्र राठौड़ को इस बार चूरू की जगह तारानगर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता नरेंद्र बुढ़ानियां से है.
नरेंद्र बुढ़ानियां यहां से मौजूदा विधायक हैं. राजेंद्र राठौड़ इस सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. वह 2008 में भी यहां से विधायक रह चुके हैं. राजेंद्र राठौड़ अपना पिछले चुनाव चूरू विधानसभा सीट से लड़े थे. इस बार वो सीट बदल कर तारानगर से चुनाव लड़ रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी ने छोटूराम के नाम की घोषणा कर यहां पर मामले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है. तारानगर से अब भाजपा के राजेंद्र राठौड़, कांग्रेस के नरेंद्र बुढ़ानिया और अब बसपा के छोटूराम मैदान में हैं. जानकारों की मानें तो इस बार का मुकाबला भाजपा या कांग्रेस के बीच ही है और यह किसी ओर भी मुड़ सकता है.
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तारानगर सीट का इतिहास
तारानगर विधानसभा क्षेत्र का गठन 1977 में हुआ. इससे पहले यह क्षेत्र चूरू और सरदार शहर में बंटा हुआ था. सरकार में रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे चंदनमल बैद ने यहां से लगातार चुनाव लड़ा है. वह राजस्थान की राजनीति में हमेशा अग्रणीय ही नहीं बल्कि कांग्रेस के मुख्य रणनीतिकार रहे. इसके अलावा पूर्व मंत्री जयनारायण पूनियां ने भी यही से चुनाव लड़ा है. तारानगर विधानसभा क्षेत्र से सबसे ज्यादा जीत का रिकॉर्ड चंदन मल बैद के नाम है. चंदनमल बैद ने 1980 में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने 1990, 1993 और 1998 में भी जीत दर्ज की. उसके बाद यहां से दो बार जीत का रिकॉर्ड जय नारायण पूनिया ने बनाया. जिन्होंने 1985 में पहली मर्तबा जीत हासिल की. इसके बाद वह 2013 में एक बार फिर जीतने में कामयाब हुए.
2018 में क्या रहा परिणाम
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार बदले. जहां कांग्रेस की ओर से नरेंद्र बुढ़ानियां चुनावी मैदान में उतरे तो वहीं भाजपा ने राकेश जांगिड़ को टिकट दिया. इस चुनाव में राकेश जांगिड़ को 44,413 मत मिले तो वहीं नरेंद्र बुढ़ानियां 56,262 मत हासिल करने में कामयाब हुए. उसके साथ ही नरेंद्र बुढ़ानियां की इस चुनाव में जीत हुई.
क्षेत्र की जनता ने किया बुढ़ानियां का विरोध
हालांकि तारानगर में कांग्रेल के लिए पिछले कई दिनों से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्थानीय व्यक्ति को टिकट ना देने पर व वर्तमान विधायक को टिकट दिये जाने का विरोध जताया है. राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के सदस्य महासिंह सिहाग की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि विधायक बुढ़ानियां को उम्मीदवार बनाया जाता है तो उनका भारी विरोध करेंगे. उन्होंने बताया कि कई बार पार्टी आलाकमान को इस बात से अवगत करवा दिया गया है कि तारानगर विधानसभा क्षेत्र से स्थानीय व्यक्ति को ही उम्मीदवार बनाया जाए. लेकिन आलाकमान ने बुढ़ानियां पर ही भरोसा जताया.
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FIRST PUBLISHED : November 10, 2023, 12:39 IST
