CJI चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में किया मिट्टी कैफे का उद्घाटन, दिव्यांगजन करते हैं संचालन

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में दिव्यांग लोगों द्वारा संचालित पहला कैफे शीर्ष अदालत के परिसर में खोला गया है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट परिसर में ‘मिट्टी कैफे’ का शुक्रवार को उद्घाटन किया, जिसका संचालन एवं पूरा प्रबंधन दिव्यांगजन करेंगे. इस दौरान विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों को आमंत्रित किया गया था. कार्यक्रम के दौरान सुप्रीम कोर्ट के अन्य जज भी मौजूद रहे. इस कैफे का संचालन एक NGO द्वारा किया जा रहा है, जो देशभर में दिव्यांग लोगों के कल्याण के लिए काम करती है

सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई ने कामकाजी दिन की शुरुआत से पहले अदालत परिसर में कैफे के उद्घाटन की घोषणा की और बार के सदस्यों से इस पहल को समर्थन देने की अपील की. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि बार इस पहल में सहयोग देगा.’ उन्होंने कहा कि मिट्टी कैफे का प्रबंधन करने वाले सभी लोग दिव्यांग हैं. वहीं, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि यह ‘करुणा का प्रतीक’ है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कामकाजी दिन की शुरुआत से पहले अन्य न्यायाधीशों की मौजूदगी में कैफे का उद्घाटन किया. उन्होंने बताया कि ‘मिट्टी कैफे’ ने देश के विभिन्न हिस्सों में 38 कैफे खोले हैं. इस दौरान मिट्टी कैफे की संस्थापक अलीना आलम भी मौजूद रहीं. शीर्ष अदालत के परिसर में पहले से ही कई भोजनालय और कैफेटेरिया हैं जो अदालत में रोजाना आने वाले वकीलों और वादियों की जरूरतों को पूरा करते हैं.

दरअसल, इस मिट्टी कैफे की खासियत यह है कि यह पूरी तरह से स्पेशल्ड एबल्ड स्टाफ यानी दिव्यांगजनों की ओर से संचालित होगा. इस मौके पर साइन लैंग्वेज में राष्ट्रगान भी गाया गया. यह कैफे बंगलुरु के एक एनजीओ मिट्टी सोशल फाउंडेशन की पहल का हिस्सा है. य एनजीओ दिव्यांग लोगों को प्रशिक्षित करता है. इससे पहले बंगलुरु में यह एनजीओ ऐसा ही कैफे खोल चुका है. सुनवाई के लिए कोर्ट में बैठते ही चीफ जस्टिस ने वकीलों से आग्रह किया कि वो इस कैफे को अपना सहयोग दे. इस मिट्टी कैफे ने कोविड के दौरान 60 लाख लोगों को खाना उपलब्ध कराया है.

क्या है मिट्टी कैफे?
सोशल इनिशिएटिव फाउंडेशन की एक सामाजिक पहल मिट्टी कैफे 35 से अधिक कैफे संचालित करती है, जो विशेष जरूरतों वाले सैकड़ों वयस्कों को रोजगार प्रदान करती है. इसके कुछ आउटलेट बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, मुंबई, विप्रो, एक्सेंचर और एएनजेड बैंक में स्थित हैं. फाउंडेशन विशेष जरूरतों वाले लोगों के लिए रोजगार और आजीविका, आर्थिक स्वतंत्रता और सम्मान की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.

मिट्टी सोशल इनिशिएटिव फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो विशेष जरूरतों वाले लोगों के लिए रोजगार और आजीविका के लिए समर्पित है. वे शारीरिक, बौद्धिक और मानसिक विकलांगता वाले वयस्कों के साथ-साथ अन्य कमजोर समुदायों के व्यक्तियों के लिए आर्थिक स्वतंत्रता और सम्मान की दिशा में काम करते हैं. संगठन की आउटरीच पहल का उद्देश्य समावेशन और विकलांगता अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करना भी है. मिट्टी कैफे और मिट्टी सोशल इनिशिएटिव फाउंडेशन मिलकर विशेष जरूरतों वाले व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर, सम्मान और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का उदाहरण पेश करते हैं.

Tags: DY Chandrachud, Justice DY Chandrachud, Supreme Court

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