नई दिल्ली/येशा कोटक. नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी (एनआईए) ने 78 गवाहों के बयानों के साथ देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश में शामिल होने के आरोपी इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के सात सदस्यों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है. एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.

अधिकारी ने बताया कि पुणे स्थित आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मुंबई में एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष सातों आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है.

जिन आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है, अधिकारी ने उनकी पहचान मध्य प्रदेश के रतलाम निवासी मोहम्मद इमरान-मोहम्मद यूसुफ खान उर्फ ​​’मटका’ उर्फ ​​’आमिर अब्दुल हमीद खान’ और मोहम्मद यूनुस-मोहम्मद याकूब साकी उर्फ ​​’आदिल’ उर्फ ​​’आदिल सलीम खान’, महाराष्ट्र के पुणे के कोंडवा निवासी कदीर दस्तगीर पठान उर्फ ​​’अब्दुल कदीर’ और सीमाब नसीरुद्दीन काजी तथा ठाणे के पडघा के रहने वाले जुल्फिकार अली बड़ौदावाला उर्फ ​​’लालाभाई’ उर्फ ​​’सैफ’, शमिल साकिब नाचन एवं आकिफ अतीक नाचन के रूप में की.

एनआईए ने पिछले सप्ताहांत विशेष अदालत के समक्ष दायर अपने आरोपपत्र में खुलासा किया कि आरोपियों को मोहम्मद नाम का एक हैंडलर ऑपरेट कर रहा था. वे इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बम बनाते थे. एजेंसी के मुताबिक, मोहम्मद की अगुवाई में ही सभी आरोपी आईएसआईएस की गतिविधियों को आगे बढ़ा रहे थे.

आरोप पत्र में कहा गया है, ”वे आतंकवादी गतिविधियां चलाना चाहते थे और काफिरों द्वारा मुसलमानों पर किए गए अत्याचारों का बदला लेना चाहते थे.” आरोप पत्र में कहा गया है कि आईईडी बनाने के लिए रसायन खरीदने के लिए उन्होंने सल्फ्यूरिक एसिड के लिए सिरका, एसीटोन के लिए गुलाब जल और हाइड्रोजन पेरोक्साइड के लिए शर्बत जैसे कोड शब्दों का इस्तेमाल किया.

इसमें यह भी बताया गया है कि कैसे दो आरोपियों जुल्फिकार अली बड़ौदावाला और जुबैर शेख ने 2015 में युवाओं को कट्टरपंथी बनाना शुरू किया. महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) और एनआईए की पहले की जांच में पता चला था कि आरोपी पुणे के बाहरी इलाके में जंगलों में बम परीक्षण करते थे. आरोप पत्र में जंगल का भी ब्योरा है. एजेंसियों ने पहले खुलासा किया था कि समूह पद्घा जैसे क्षेत्रों को ‘इस्लामिक क्षेत्र’ बनाना चाहता था.

उनके आरोप पत्र में कहा गया है कि आरोपियों ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाए थे जहां आईएसआईएस के समर्थन में संदेश पोस्ट किए गए थे. इन व्हाट्सएप ग्रुप का नाम यूनिटी इन मुस्लिम उम्माह और उम्माह न्यूज था. इन ग्रुप्स पर फिलिस्तीन, सीरिया और आईएसआईएस विचारधारा से जुड़े आर्टिकल पोस्ट किए गए थे. उन्होंने इस्लामी विद्वान अनवर अवलाकी के व्याख्यानों को प्रस्तुत करते हुए सड़क पर कार्यक्रम भी आयोजित किए.

एफआईआर में यह भी उल्लेख किया गया है कि आईएसआईएस लिंक पर गिरफ्तार किए गए आकिफ नाचन, ताबिश नासिर सिद्दीकी और अन्य ने समूह की आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने, देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को परेशान करने के साथ-साथ भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रची थी.

आरोपियों को आईएसआईएस के रतलाम मॉड्यूल से जुड़े पुणे-आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार किया गया था. उन सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और 121 के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 18, 18ए, 18बी, 38 और 39 के तहत आरोप लगाए गए हैं.

एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) की आतंकवादी और हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने के इरादे से धन इकट्ठा करने में शामिल थे. प्रवक्ता के मुताबिक, यह पाया गया कि आरोपियों ने आतंकवादियों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए, ज्ञात एवं वांछित आतंकवादियों को शरण दी और आईईडी के निर्माण में मदद की. उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा आरोपियों के पास से आईईडी, आग्नेयास्त्र और गोला-बारूद भी बरामद किया गया.’

प्रवक्ता ने बताया कि इस नेटवर्क के तहत आरोपियों ने आईएसआईएस के स्वयंभू खलीफा के प्रति वफादारी की शपथ भी ली. उन्होंने कहा, ‘आरोपियों का इरादा भारतीय सरजमीं पर आतंकवादी वारदातों को अंजाम देना था। उन्होंने महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, तेलंगाना और कई अन्य राज्यों में व्यापक टोही मिशन चलाए. उनका मकसद राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष बड़ा खतरा पैदा करना और आईईडी लगाने एवं विस्फोट करने के संभावित लक्ष्यों की पहचान करना था.’

शुरू में यह मामला 19 जुलाई को दर्ज किया गया था, जिसमें भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम, 1951 की विभिन्न धाराएं शामिल थीं. इसके बाद, 30 अगस्त को एनआईए ने गहन जांच के लिए मामले को अपने हाथ में ले लिया. मामले के आठवें आरोपी मोहम्मद शाहनवाज आलम को प्रतिबंधित विदेशी आतंकवादी संगठन की आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में कथित संलिप्तता को लेकर गत दो नवंबर को गिरफ्तार किया गया था.

Tags: ISIS, NIA

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