प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने निजी वाहनों के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने के लिए उसके द्वारा प्रबंधित पार्किंग में मौजूदा पार्किंग शुल्क (ऑफ-रोड और ऑन-रोड दोनों) को 31 जनवरी 2024 तक के लिए दोगुना करने का फैसला किया है. सोमवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है क‍ि एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने 6 अक्टूबर को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के संशोधित कार्यक्रम को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए वैधानिक निर्देश जारी किया है.

एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में सीएक्यूएम ने 21 अक्टूबर को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के संशोधित कार्यक्रम (चौथे चरण) को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए वैधानिक निर्देश जारी किए, …जिसमें निजी परिवहन को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाने का प्रावधान शामिल था. इसलिए …31 जनवरी 2024 तक एनडीएमसी अपने कर्मचारियों के माध्यम से प्रबंधित पार्किंग के लिए निजी परिवहन को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क (ऑफ रोड / ऑन रोड) को मौजूदा दर से दोगुना तक बढ़ा दिया गया है.

क्‍या द‍िल्‍ली का एक्यूआई गया था 900 के पार?
राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों के बीच सोमवार को भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, क्योंकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की रीडिंग में विरोधाभासी खबरें सामने आईं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पीएम 2.5, 500 से नीचे रहने पर गंभीरता स्तर का संकेत दिया था, जबकि एप्पल के ब्रीज़ोमीटर ने शहर के कुछ स्थानों पर स्तर 900 से अधिक दर्ज किया, जिससे वायु गुणवत्ता के आकलन में विसंगतियां पैदा हुईं. सोमवार सुबह दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फ़रीदाबाद और आसपास के इलाकों में घनी और हानिकारक धुंध छाई रही, जिसे आमतौर पर ‘स्मॉग’ के नाम से जाना जाता है. यह घटना आतिशबाजी पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध की अवहेलना करते हुए दिवाली की रात पटाखे फोड़े जाने के बाद हुई.

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सोमवार शाम को सीपीसीबी के अनुसार, जिसमें वायु गुणवत्ता की निगरानी के लिए डीपीसीसी, आईएमडी, आईआईटीएम स्टेशनों का डेटा भी शामिल है, आनंद विहार स्टेशन पीएम 10 500 और पीएम 2.5 488 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में था, जबकि कार्बन मोनोऑक्साइड शाम 7 बजे (सीओ) ‘मध्यम’ श्रेणी के तहत 117 पर था. बवाना स्टेशन पर पीएम 2.5, 456 पर यानी ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया और पीएम 10, 341 पर पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में था, जबकि सीओ 70 यानी ‘संतोषजनक’ स्तर पर पहुंच गया और एनओ2 10 पर पहुंच गया, ‘जो अच्छे’ स्तर का संकेत है.

द्वारका सेक्टर-8 स्टेशन पर सोमवार शाम को पीएम 2.5 ‘गंभीर’ श्रेणी में यानी 444 पर पहुंच गया, जबकि पीएम 10, 308 पर यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में था. इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे टी 3 क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में थी, जिसमें पीएम 2.5 439 और पीएम 10, 326 पर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में था, जबकि सीओ 62 पर पहुंच गया, जो ‘संतोषजनक’ श्रेणी में था. आईटीओ स्टेशन पर पीएम 2.5 और पीएम 10, 500 से अधिक हो गए और ‘गंभीर’ प्लस श्रेणी में दर्ज किए गए। एनओ2, 89 पर पहुंच गया जबकि सीओ2, 82 पर यानी ‘संतोषजनक’ स्तर पर था.

जहांगीरपुरी में पीएम 2.5, 492 दर्ज किया गया, जबकि पीएम 10, 420 तक पहुंच गया, जो दोनों को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखता है। कार्बन 76 पर पहुंच गया, ‘संतोषजनक’ स्तर पर और कार्बन मोनोऑक्साइड 10 पर यानी ‘अच्छी’ श्रेणी में था. नॉर्थ कैंपस दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टेशन पर पीएम 2.5, 500 पर और पीएम 10, 416 पर पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में है, जबकि सीओ 74 पर, ‘संतोषजनक’ स्तर पर है. शून्य और 50 के बीच एक एक्‍यूआई को ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 और 100 ‘संतोषजनक’; 101 और 200 ‘मध्यम’, 201 और 300 ‘खराब’, 301 और 400 ‘बहुत खराब’ और 401 व 500 को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना है.

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