प्रयागराज. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में 18 दिसंबर को देश भर के अयोगों के अध्यक्ष और सदस्यों का जमावड़ा लगेगा. दरअसल, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में 18 दिसंबर को साक्षात्कार तकनीक की पद्धति पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इसमें संघ लोक सेवा आयोग समेत सभी राज्यों के लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य शिरकत करेंगे. बता दें कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने बीते कुछ सालों में साक्षात्कार की प्रक्रिया में काफी सुधार किया है. इसे ही जानने समझने और आगामी परीक्षाओं के लिए विभिन्न राज्यों की अपनी परीक्षाएं आयोजित करने के लिहाज से यह काफी अहम बैठक साबित हो सकती है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने साक्षात्कार की प्रक्रिया को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाया है, जिससे अभ्यर्थियों का विश्वास भी यूपी लोक सेवा आयोग के प्रति बढ़ा है. इसके अलावा आयोग ने भर्ती परीक्षा कैलेंडर को नियमित कर आयोग की भर्तियों को भी रेगुलर करने का बड़ा काम किया है. यूपी में सिविल सर्विसेज यानि पीसीएस के पदों लिए पहले सिर्फ विषय विशेषज्ञों यानी बड़े संस्थानों के प्रोफेसर के साथ कार्यरत व पूर्व आईएएस व आईपीएस अधिकारियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता था. लेकिन सवा साल पहले ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने इसमें बदलाव किया है. आयोग ने इंटरव्यू पैनल का दायरा बढ़ाते हुए प्राथमिकता के तौर पर विश्वविद्यालय के कुलपति पूर्व न्यायाधीश, कार्यरत व पूर्व आईएएस आईपीएस, सेना में ब्रिगेडियर से ऊपर के अधिकारी, वरिष्ठ वैज्ञानिकों और केंद्र सरकार में क्लास वन अधिकारियों को भी बुलाए जाने की शुरुआत की है.
आयोग ने हाल के वर्षों में सीधी भर्ती के लिए स्क्रीनिंग परीक्षा के 75 फीसदी और और साक्षात्कार के 25 फ़ीसदी अंकों के आधार पर चयन का भी फैसला लिया है. जबकि, इससे पहले सीधी भर्ती में साक्षात्कार के 100 प्रतिशत अंकों के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन किया जाता था. कुछ प्रतियोगी छात्र इंटरव्यू में भेदभाव का आरोप लगाते हुए स्क्रीनिंग का भी अंक जोड़ने की लंबे समय से मांग कर रहे थे. इसके साथ ही साक्षात्कार के लिए कोडिंग और इंटरव्यू बोर्ड अलॉटमेंट की प्रक्रिया भी पहले से भी अत्यधिक गोपनीय कर दी गई है. अब किसी भी अभ्यर्थी को अंतिम समय तक यह पता नहीं होता है कि वह किस इंटरव्यू बोर्ड में इंटरव्यू देगा.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एकल अवसरीय पंजीकरण यानि वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) लागू करने में भी पहल की है. इससे पहले भी कुछ अयोगों ने यह व्यवस्था लागू करने का प्रयास किया था, हालांकि सफल नहीं हो सके थे. लेकिन, यूपी लोकसेवा आयोग ने जनवरी में ओटीआर लागू करने की घोषणा की और 9 महीने में 11लाख 30 हजार अभ्यर्थी ओटीआर करा चुके हैं. पिछले एक महीने में ही 7 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. आयोग का मानना है कि राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक का विज्ञापन जारी होने पर ओटीआर की संख्या 25 लाख के आस पास पहुंच जाएगी.
.
Tags: UP latest news, UP news, UPPSC
FIRST PUBLISHED : November 14, 2023, 12:29 IST