World Diabetes Day 2023: देश में खतरनाक स्तर पर पहुंचा डायबिटीज, 10 करोड़ लोग शुगर के शिकार, हर शख्स पर मंडरा रहा डायबिटीज का खतरा

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हाइलाइट्स

अगर मोटे तौर पर देखें तो हर 10 में से एक व्यक्ति शुगर के मरीज हैं और हर शख्स पर डायबिटीज का खतरा मंडरा रहा है.
डायबिटीज के कारण हार्ट डिजीज, ब्लाइंडनेस, किडनी फेल्योर, लिवर फेल्योर जैसी बीमारियां होती हैं.

World Diabetes Day 2023 November 14: अगर हम कहें कि भारत के हर शख्स पर डायबिटीज का खतरा मंडरा रहा है तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं क्योंकि भारत में वर्तमान में ही 10 करोड़ लोग शुगर के मरीज हैं. चिंता की बात यह है कि इनमें से आधे को पता नहीं है कि उन्हें डायबिटीज है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पूरे विश्व में 50 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, इनमें अकेले भारत में 10 करोड़ मरीज हैं. आंकड़ों के मुताबिक अगले 10 साल में डायबिटीज मरीजों की संख्या देश में और 10 करोड़ जुड़ जाएंगी. इसलिए भारत को डायबेटिक कैपिटल ऑफ वर्ल्ड कहा जाने लगा है. डायबिटीज ऐसी बीमारी है जिसमें तत्काल शरीर में कुछ पता नहीं चलता लेकिन यह अंदर ही अंदर शरीर को खोखला करने लगती है. डायबिटीज के कारण हार्ट डिजीज, ब्लाइंडनेस, किडनी फेल्योर, लिवर फेल्योर जैसी अचानक आने वाली बीमारियां हमला बोल सकती है. इसलिए डायबिटीज को लेकर खुद सतर्क रहना ज्यादा जरूरी है.

आधे मरीजों को पता ही नहीं

टीओआई की खबर के मुताबिक दो साल पहले ही देश में 7.4 करोड़ कंफर्म डायबिटीज के केस थे. अब तक यह 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया होगा. इनमें से आधे मरीजों को पता नहीं कि उन्हें डायबिटीज है. अगर मोटे तौर पर देखें तो हर 10 में से एक व्यक्ति शुगर के मरीज हैं और हर शख्स पर डायबिटीज का खतरा मंडरा रहा है. मद्रास डायबेटिक रिसर्च फाउंडेशन के मुताबिक 2.5 करोड़ भारतीय प्री-डायबेटिक हैं. यानी इन लोगों ने यदि अपने लाइफस्टाइल को सही नहीं किया तो बहुत जल्दी डायबिटीज होने वाला है.

क्यों होता है भारतीयों को ज्यादा डायबिटीज

मैक्स हेल्थकेयर गुड़गांव में वरिष्ठ डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. पारस अग्रवाल बताते हैं कि भारत का मुख्य भोजन कार्बोहाइड्रैट आधारित है. यानी हम लोग अपने भोजन में चावल, आटा और आलू से बने भोजन को अपना मुख्य आहार बनाते हैं. इन तीनों चीजों में प्रोटीन नाम मात्र होता है जबकि कार्बोहाइड्रैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. दूसरी ओर अब गांवों में भी लोगों की शारीरिक गतिविधियों बहुत कम हो गई है. लोग आसान काम करने लगे हैं. यहां तक कि लोग पैदल भी नहीं चलना है. इन सबके अलावा खान-पान बहुत गलत हो गया है. जंक-फूड, प्रोसेस्ड फूड, पहले से तैयार पैकेज्ड फूड का चलन बढ़ा है. इन फूड से कई तरह की परेशानियां होती है. यही कारण है कि लोग सबसे पहले डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं.

कैसे डायबिटीज को होने से रोकें

डॉ. पारस अग्रवाल कहते हैं कि डायबिटीज न हो, इसके लिए बहुत सिंपल तरीका है. रोज रात में पहले सोइए, सुबह-सुबह उठ जाइए. रात में पर्याप्त लेकिन सुकून की नींद लीजिए. तनाव और डिप्रेशन से दूर रहिए. दिन में रोज 40 मिनट से 1 घंटे तक शारीरिक गतिविधियों में खुद को व्यस्त रखिए. इसके लिए आप वॉक कर सकते हैं, रनिंग कर सकते हैं, साइकिल चला सकते हैं, स्विमिंग कर सकते हैं. यही काफी है. इसके लिए जिम जाने की जरूरत नहीं है. इतनी शारीरिक गतिविधियां करते हुए रोज हरी पत्तीदार सब्जियों और ताजे फल का सेवन कीजिए और खुश रहिए. यही डायबिटीज से बचने का तरीका है. वहीं जिन लोगों को डायबिटीज हो चुका है, उनके लिए भी यही लाइफस्टाइल सबसे बेहतर है. इसके अलावा वे अनहेल्दी फूड जैसे कि चीनी, ज्यादा नमक, प्रोसेस्ड फूड, पैकेज्ड फूड का सेवन न करें.

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