Children’s Day Special: स्मार्टफोन आज हर व्यक्ति की जरूरत बन गया है लेकिन कमाल की बात है कि यह बच्चों के लिए भी खेलने से लेकर पढ़ने तक का साधन ही नहीं बल्कि उनकी लत बनता जा रहा है. बच्चे घंटों फोन के सहारे बैठे रहते हैं, फोन देखकर खाना खाते हैं, फोन में ही गेम्स खेलते हैं, फोन देखकर ही सोते हैं लेकिन दिलचस्प बात है कि 6 महीने से लेकर 10 साल तक के अधिकांश बच्चों के पास निजी स्मार्टफोन नहीं होता बल्कि वे अपने माता-पिता के फोन रखने की वजह से इसकी लत लगा बैठते हैं. फोन और गेम्स की वजह से आज बच्चे साहित्य और किताबों से पूरी तरह कट चुके हैं. हिंदी साहित्य के बारे में तो उन्हें कुछ जानकारी ही नहीं है.
अगर आपकी भी बच्चा ऐसा ही है, दिन रात फोन देखता है, गेम्स खेलता है, स्कूल की किताबों के अलावा साहित्यिक या किसी अन्य किताब में दिलचस्पी नहीं लेता है तो उसकी यह आदत उसके लिए बेहद खराब साबित होने वाली है और उसकी इस हालत के लिए वह खुद नहीं बल्कि आप यानि माता-पिता जिम्मेदार हैं.
इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलाइड साइंसेज न्यू दिल्ली में डिपार्टमेंट ऑफ साइकेट्री के प्रोफेसर डॉ. ओमप्रकाश कहते हैं कि ऑनलाइन या ऑफलाइन गेम्स ही नहीं फोन और फोन में आ रहीं तमाम चीजें हैं जिसमें आज बच्चे उलझ गए हैं और साहित्य-किताबों से दूर हो चुके हैं. हालांकि अगर कुछ चीजों पर माता-पिता कंट्रोल करें और ध्यान रखें तो बच्चों को फिर से किताबों की ओर मोड़ा जा सकता है.
कैसे छुड़ाएं फोन की लत
प्रो. ओमप्रकाश कहते हैं कि बच्चों की फोन की लत छुड़ाने से पहले माता-पिता को अपनी फोन की लत से छुटकारा पाना होगा. बच्चे वही व्यवहार अपनाते हैं जो देखते हैं, न कि वह जो उन्हें सिखाया जाता है. अगर वे आपको फोन चलाते हुए देखते हैं तो खुद भी चलाएंगे. ऊपर से फोन में इतनी सारी चीजें हैं कि उसकी आदत पड़ने में देर नहीं लगती. हमेशा 5 चीजों का ध्यान रखें.
. खाना खाते समय कभी भी फोन न खुद चलाएं और न बच्चों को दिखाएं. फोन को दूर रख दें.
. सोते समय आखिर में फोन चलाने की आदत खत्म करें. अगर आप बेड पर फोन चलाते हैं तो बच्चे भी फोन के प्रति आकर्षित होंगे.
. ऑनलाइन गेम्स के नुकसानों के बारे में बच्चों को बताएं, उन्हें समझाएं.
. जब भी बच्चा फोन ले तो उसको किसी और मनोरंजक गतिविधि की तरफ मोड़ दें, चाहे पार्क ले जाएं, साइकिल चलवाएं.
. बच्चा बड़ा है और फोन चलाता है तो उसे व्हाट्सएप या किसी अन्य प्लटफॉर्म पर ज्ञानवर्धक चीजें भेजें, बाद में उनसे पूछें.
इन 5 टिप्स से बच्चों को साहित्य की तरफ मोड़ें
. डॉ. ओमप्रकाश कहते हैं कि बच्चों को साहित्य की तरफ मोड़ने से पहले माता पिता को खुद साहित्य की तरफ मुड़ना होगा, सिर्फ बच्चों से कहने भर से नहीं होगा. माता पिता घर पर साहित्य की किताबें नियमित रूप से पढ़ें.
2. घरों में अखबार और साहित्यिक मैगजीन जरूर मंगवाएं. बच्चों की मैग्जीन जैसे चंदा मामा, चंपक या कॉमिक्स मंगाएं. बच्चा नहीं पढ़ता है तो उसमें से कुछ ऐसे प्रसंद जो बच्चों की पसंद के हो सकते हैं, उन्हें पास में लिटाकर या बिठाकर सुनाएं. या बच्चों से पढ़ने के लिए कहें और खुद सुनें. इससे उनकी रुचि इस तरफ होगी.
3. घर में छोटी सी लाइब्रेरी जरूर बनाएं, उसमें साहित्य की किताबें, बच्चों की कहानियों की किताबें, उपन्यास आदि रखें और बच्चों से लाइब्रेरी को सहेजने के लिए कहें, ताकि बच्चे ज्यादा से ज्यादा समय किताबों के साथ बिताएं. इससे उनमें उन्हें पढ़ने की रुचि पैदा होगी.
. अगर आप स्मार्टफोन अफोर्ड कर सकते हैं तो किंडल ई रीडर खरीदें. किंडल का गिफ्ट देकर आप उन्हें साहित्य की तरफ मोड़ सकते हैं. उसमें बच्चों को पढ़ना बताएं. इसे वे कहीं भी ले जा सकते हैं और उन्हें लगेगा कि यह स्मार्टफोन जैसा ही है, इससे भी बच्चों में रुचि पैदा होती है. ऐसा करके आप बच्चों को गबन गोदान जैसी चीजें भी पढ़ा सकते हैं.
. अगर बच्चे बड़े हैं, फोन चलाते हैं तो उन्हें साहित्यिक लिंक भी भेज सकते हैं, उनसे मांग सकते हैं. उन्हें टॉपिक देकर कविता या कहानी लिखने के लिए प्रेरित करें.
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FIRST PUBLISHED : November 14, 2023, 17:22 IST