देश के गरीब मुसलमानों को वक्फ संपत्ति का लाभ नहीं मिला : कानून मंत्री
रिपोर्ट दिवेश सिरोही
बुलंदशहर : केंद्रीय कानून एवं न्याय, संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बयान देते हुए कहा कि वक्फ संपत्ति को लेकर मुसलमानों ने अतिक्रमण कर रखा है। वक्फ संपत्ति लिखने से वो उसकी नहीं हो सकती है और कोई भी अधिकारी उसमें प्रवेश न कर पाए ऐसा संभव नहीं है। यह देश का कानून नहीं हो सकता है। साथ ही उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए इसको केंद्र सरकार की प्राथमिकता का मुद्दा बताया। केंद्रीय मंत्री शनिवार को बुलंदशहर लोकसभा सांसद भोला सिंह के आवास पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि बांग्लादेश का मुद्दा सरकार के संज्ञान में है। विदेश मंत्री ने राज्यसभा और लोकसभा में इस मुद्दे को लेकर व्यापक बयान भी दिया है। वहां के हिंदुओं की सुरक्षा, वहां के स्टूडेंट की सुरक्षा और वहां के नागरिकों की सुरक्षा सरकार के लिए वरीयता का विषय है। सभी लोगों को वापस लाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने वक्फ बोर्ड मामले पर कहा कि
गरीब मुसलमान को वक्फ कानून से फायदा नहीं हो रहा है। वक्फ की संपत्ति पर अतिक्रमण हो रहा है। हालात यह है कि जिला कलेक्टर भी वक्फ की संपत्ति का सत्यापन नहीं कर सकता है। इसका मतलब पारदर्शी सिस्टम नहीं है 1995 में कांग्रेस सरकार के समय में जो संशोधन हुआ उसमें भी कोई सुधार नहीं हुआ। 2013 में तो कांग्रेस ने सभी हदें पार कर दी। अपीशमेंट पॉलिसी के कारण लिमिटेशन एक्ट लागू नहीं होना, कोर्ट की परिधि से भी इसको दूर रखना, यह सब चीज ठीक नहीं थी। इसलिए इसको सबसे पहला सर्व हुआ फिर यदि टर्मिनल के फैसले से कोई खुश नहीं है तो फिर कोर्ट का रास्ता बाद में फिर पारदर्शी सिस्टम बना जिस उद्देश्य से वक्फ संपत्ति बनी उसका उपयोग मुस्लिम गरीब बच्चों उनकी एजुकेशन में उनके स्वास्थ्य में लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे कुछ लोग आ गए हैं जो अतिक्रमण ही कर रहे हैं। आपने वक्फ बोर्ड का एक बोर्ड लगा दिया तो उसमें कोई घुस भी नहीं सकता है..यह ठीक नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ऐसा एक मामला तमिलनाडु में सामने आया है कि एक गांव में वक्फ संपत्ति का बोर्ड लगा दिया तो फिर गांव में कोई नहीं घुस सकता है। ऐसा हो नहीं सकता है। इस देश में यह नहीं चलेगा। जो गरीब मुसलमान थे उसको उसका लाभ नहीं मिल रहा था, गरीब मुसलमान को उसका लाभ मिले, उनकी स्थिति सुधरे। इसलिए अभी इंट्रोडक्शन हुआ है, अभी अभी जेपीसी बनी है, वक्फ एक्ट में अमेंडमेंट होगा फिर जो रिपोर्ट सौंपी जाएगी उसके अनुसार विचार किया जाएगा।
उन्होंने एससी-एसटी में वर्गीकरण के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि यह जो भ्रम फैल रहा है कि एससी एसटी में भी क्रीमी लेयर लागू हो यह जजमेंट का पार्ट नहीं है। यह जज के ऑब्जरवेशन का विषय है। निर्णय के समय जो ऑब्जरवेशन होते हैं वह निर्णय का पार्ट नहीं हुआ करता है। विपक्ष भ्रम नहीं फैलाए क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट का कोई निर्णय नहीं है।