कृतिका दीपोत्सव : रंगनाथ मंदिर में जलाए गए 21 हजार दीपक – कार्तिक पूर्णिमा पर रंगनाथ मंदिर में हुआ भव्य आयोजन
वृंदावन। दक्षिण भारतीय शैली के विशालतम रंगनाथ मन्दिर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर भव्य दीपदान किया गया। इस अवसर पर मन्दिर में 21 हजार दीपक जलाए गए। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर जहां उत्तर भारत में देव दीपावली मनाई जाती है वहीं दक्षिण भारत में इस दिन कृतिका दीपोत्सव मनाया जाता है। कहा जाता है कि कृतिका दीपोत्सव पर बहनें भाइयों की मंगल कामना के लिए भगवान के समक्ष दीप प्रज्वलित करती हैं और चावल की मुड़ी और गुड़ के लड्डू बनाकर प्रसाद लगाया जाता है। जिसके बाद वह प्रसाद भाई और परिवार में सभी को वितरित किया जाता है।इसी भाव के साथ रंगनाथ मन्दिर में दशकों से यह उत्सव बदस्तूर जारी है। कृतिका दीपोत्सव के अवसर पर भक्तों में भारी उल्लास देखने को मिला। यहां सोमवार की देर शाम से ही भक्त दीपक लगाते हुए नजर आये और अंधेरा होते ही सभी दीपकों को प्रज्वल्लित करने में जुट गए। पूरा मन्दिर दीपकों की रोशनी से जगमग हो उठा। विशालतम रंगनाथ मंदिर में निज मन्दिर, परिक्रमा , गरुड़ स्तम्भ, घण्टा घर, पुष्करणी,झूला मंडप,बारहद्वारी सभी जगह दीपकों की रोशनी से ऐसा लग रहा था कि एक बार फिर दीवाली मनाई जा रही हो।
कृतिका दीपोत्सव का समापन महाआरती के साथ हुआ। भगवान रंगनाथ माता गोदा के साथ चांदी की पालकी में विराजमान हो कर परंपरागत वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि के बीच मंदिर के पूर्वी द्वार पर पहुंचे। यहां मंदिर के पुजारियों ने पहले विधि विधान से घास ,फूस से बनाई गई एक झोंपड़ी का पूजन किया। इसके बाद उसमें अग्नि प्रज्वलित कर दी गई। मान्यता है कि वर्ष में एक बार इस तरह से भगवान रंगनाथ की महाआरती की जाती है।
इस अवसर पर मन्दिर की सीईओ अनघा श्रीनिवासन, रंगा स्वामी, चौवी स्वामी, तिरुपति , साधना कुलश्रेष्ठ, श्री कृष्णन जी,सुधा कृष्णन जी,कल्पना , शशिकांत तिवारी,शरद शर्मा, कन्हैया,गोपाल,लखन लाल पाठक,जुगल किशोर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।