UPSC सिविल सेवा परीक्षा का पाठ्यक्रम विस्तृत एवं बहुविषयक है। सम्पूर्ण पाठ्यक्रम की तैयारी के लिए कई पुस्तकों की आवश्यकता पड़ती है। बाज़ार में भी विषय विशेष से संबंधित अनेक पुस्तकें उपलब्ध हैं। इसमें से उपयुक्त, पर्याप्त और सीमित अध्ययन सामग्री का चयन चुनौतीपूर्ण होता है। इस समस्या के समाधान के उद्देश्य से बात की है देश की सर्वश्रेष्ठ कोचिंग संस्कृति IAS Coaching के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर श्री ए. के. अरुण सर से। सर से हुई वार्ता के महत्वपूर्ण बिन्दुओं को इस लेख में साझा कर कर रहा हूँ।
जानकारी साझा करने से पूर्व बता दें कि अरुण सर का UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के क्षेत्र में लम्बा अनुभव है। सर UPSC की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को अर्थव्यवस्था पढ़ाते हैं। वर्तमान में देश की सबसे प्रतिष्ठित कोचिंग संस्कृति IAS में पढ़ा रहे हैं, जिसके एक्जक्यूटिव डायरेक्टर भी हैं। यह संस्था दिल्ली के मुख़र्जी नगर से संचालित हो रही है, जिसकी एक शाखा प्रयागराज में भी है।
प्रश्नों की श्रृंखला में सर से पूछा कि UPSC के इस विस्तृत पाठ्यक्रम का सम्पूर्ण अध्ययन कैसे करें?
सर कहते हैं कि परीक्षा बहुविषयक है इसके लिए कुछेक किताब पर्याप्त नहीं हैं। पाठ्यक्रम से संबंधित पुस्तकों में दो स्थितियां बनती हैं। पाठ्यक्रम के एक अंश से संबंधित पुस्तक या पुस्तक का एक अंश पाठ्यक्रम से संबंधित। इसके लिए पुस्तकों का चयन बहुत सावधानी से करना होता है। सामान्यतः अभ्यर्थी गलतियाँ करते हैं कि तैयारी के आरम्भ में पुस्तकें इकठ्ठा करने में जुट जाते हैं। होता यह है कि अध्ययन सामग्री के अंबार में पढ़ने में कठिनाई होती है तब अभ्यर्थी चयनात्मक अध्ययन सामग्री की आवश्यकता महसूस करते हैं।
सर से पूछा कि आवश्यक अध्ययन सामग्री का निर्धारण कैसे करें?
सर कहते हैं कि आवश्यक अध्ययन सामग्री का निर्धारण दो तरह से किया जा सकता है-
- पाठ्यक्रम के मुताबिक
- विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों के मुताबिक
हालाँकि पाठ्यक्रम से तय हो जाता है कि क्या पढ़ना है, जबकि पाठ्यक्रम के किस खंड को कितनी गहराई में पढ़ना है इसे तय करने में विगत वर्षों के प्रश्न सहायक होते हैं। यह प्रश्न उस विषय अध्ययन की महत्ता को भी उजागर करते हैं, जिनका पाठ्यक्रम में उल्लेख नहीं है।
अगला प्रश्न था कि तैयारी में अध्ययन सामग्री का इस्तेमाल कैसे करें?
सर कहते हैं कि इस बात का ध्यान रहे कि अध्ययन सामग्री चयनात्मक हो और चयन प्रामाणिक पुस्तकों का ही करें। कोशिश रहे कि एक विषय की ज्यादा पुस्तकें न हों। किसी ने ठीक कहा है कि एक विषय की बीस पुस्तकें पढ़ने से बेहतर है कि एक अच्छी पुस्तक को बीस बार पढ़ लिया जाए। अध्ययन को सहज बनाने का सबसे आसान तरीका है कि अध्ययन सामग्री को संक्षिप्त करने का प्रयास करते रहें। इससे याद करना और दोहराना दोनो आसान हो जाता है।
आशा की जाती है कि सर द्वारा दी गई जानकारी आपकी तैयारी में लाभदायक साबित होगी। जानकारी के लिए बता दूँ कि संस्कृति IAS कोचिंग के कक्षा कार्यक्रम में कई स्त्रोतों से अध्ययन सामग्री जुटाकर विषयवार उपलब्ध करा दी जाती है, जिससे अभ्यर्थियों में भटकाव खत्म हो जाता है और तैयारी आसान हो जाती है।