छापेमारी की भनक लगते ही, उर्वरक विक्रेता दुकान बंद कर भागे
BIJNOR : उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश एवं जिलाधिकारी के आदेश के क्रम में जिला कृषि अधिकारी जसवीर सिंह तेवतिया एवं उपजिलाधिकारी, चांदपुर एवम धामपुर की संयुक्त टीम द्वारा तहसील चांदपुर एवम धामपुर एवं मनोज रावत, जिला कृषि रक्षा अधिकारी एवं उपजिलाधिकारी, नगीना की संयुक्त टीम द्वारा तहसील नगीना एवं गिरीश चन्द, उप कृषि निदेशक बिजनोर एवं उपजिलाधिकारी, बिजनौर की संयुक्त टीम द्वारा तहसील बिजनौर एवम वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप ए कार्यालय जिला कृषि अधिकारी बिजनौर एवम उप जिलाधिकारी, नजीबाबाद मे उर्वरक विक्रेता के प्रतिष्ठानों एवं गोदामों पर आकस्मिक छापामार की कार्रवाई की गई.
छापामार कार्रवाई के दौरान कुल 52 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान प्रतिष्ठान/गोदाम में उपलब्ध यूरिया, डीएपी, एनपीके आदि उर्वरकों के स्टॉक का मिलान पीओएस मशीन व अभिलेखों के अनुसार किया गया तथा कुल 14 उर्वरको के नमूने लिए गए. साथ ही मै. अमृत खाद भंडार, कादराबाद, मै. नेशनल एग्रीकल्चर स्टोर, नींददू, मैं सैनी बीज दवाई बिक्री केन्द्र,नगीना, मैं नंदन बीज भण्डार, नगीना, मैं कृषि केंद्र एग्रिजक्शन, किरतपुर एवम चौधरी अमर सिंह खाद भंडार, किरतपुर द्वारा उर्वरक प्रतिष्ठान बन्द कर भाग जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। छापामार कार्रवाई के दौरान ओवर रेटिंग एवं मुख्य उर्वरकों के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग आदि का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया. निरीक्षण के दौरान जसवीर सिंह तेवतिया, उर्वरक निरीक्षक/जिला कृषि अधिकारी बिजनौर द्वारा समस्त थोक/फुटकर/विनिर्माता उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया गया कि कृषको की तत्कालीन आवश्यकता के अनुसार ही फास्फेटिक उर्वरकों, विशेषकर यूरिया, डीएपी, एनपीके, उर्वरक का वितरण निर्धारित दर पर किया जाए साथी यह भी निर्देशित किया गया बिना पोस मशीन के उर्वरकों का वितरण न किया जाए तथा किसी भी दशा में उर्वरको की बिक्री बल्क मे न किये जाने एवं कृषक को उनकी की जोतबही/खतौनी एवं फसलवार संस्तुति के अनुसार उर्वरकों का वितरण किया जाए, यदि कोई भी उर्वरक विक्रेता निर्धारित दर से अधिक दर पर बिक्री करता हुआ एवं प्रचलित उर्वरकों के साथ-साथ अन्य उर्वरको की टैगिंग करता हुआ पाया जाता है तो संबंधित उर्वरक विक्रेता के विरुद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश-1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 के अंतर्गत विधिक कार्रवाई अमल में लायी जाएगी साथ ही उर्वरक विक्रेताओं को यह भी निर्देश दिये गये कि कृषको को वितरित उर्वरको की रसीद अवश्य उपलब्ध करायी जाय