गोमती पुस्तक महोत्सव: मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन, पढ़ाई की संस्कृति को बढ़ावा देने का किया आह्वान
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोमती रिवर फ्रंट पर ‘गोमती पुस्तक महोत्सव’ के तृतीय संस्करण का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने युवाओं और छात्रों से अपील की कि वे अच्छे साहित्य के प्रति रुचि बढ़ाएं और डिजिटल युग में पुस्तकों के महत्व को पहचानें। उन्होंने कहा कि “जब लोग पढ़ते हैं, तो देश आगे बढ़ता है”, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस संदेश को याद करते हुए, मुख्यमंत्री ने सभी से सम्मिलित होकर सकारात्मक साहित्य को अपनाने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें पाठ्यक्रम की किताबों के साथ-साथ बच्चों को ऐसी किताबें भी देनी चाहिए, जो उनके मन में नए विचारों और भावनाओं को जागृत कर सकें। उन्होंने उल्लेख किया कि डिजिटल उपकरणों के बढ़ते प्रभाव ने युवा पीढ़ी को तकनीक का दास बना दिया है, जिससे पढ़ने की आदतें घटती जा रही हैं। उनके अनुसार, यदि युवा तीन-छह घंटे अधिक सार्थक कार्यों में लगाएं, तो यह समाज और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होगा।
मुख्यमंत्री ने वैदिक साहित्य और भारतीय संस्कृति का जिक्र करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि और गोस्वामी तुलसीदास जैसे महान कवियों ने अपने समय में अद्भुत कृतियाँ रचीं। उन्होंने आगे कहा कि हमें उन लेखकों और उनकी रचनाओं को सम्मान देना चाहिए, जो कालजयी साहित्य का सृजन करते हैं। पुस्तक महोत्सव में दस्तकारों और लेखकों को मंच प्रदान करने के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न आयु वर्ग के लिए विषयों पर लेखन करने वाले लेखकों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गोमती नदी केवल जल की धारा नहीं है, बल्कि यह एक संस्कृति का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि नदी के तटों पर पुस्तक महोत्सव का आयोजन करके हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित कर सकते हैं। पुस्तक महोत्सव 09 से 17 नवम्बर, 2024 तक चलेगा, जिसमें लखनऊ के सभी शैक्षणिक संस्थानों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
इस कार्यक्रम में नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. मिलिन्द सुधाकर मराठे और निदेशक श्री युवराज मलिक द्वारा भी विचार प्रस्तुत किए गए। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव का लक्ष्य लोगों में पढ़ने की रुचि को बढ़ाना है और इसे घर-घर पहुंचाना है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अलावा कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिन्होंने इस पहल की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि गोमती पुस्तक महोत्सव को एकतेज उल्लास और सांस्कृतिक समर्पण के साथ आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। यह महोत्सव लखनऊ और प्रदेश की आबादी के अनुरूप एक महत्वपूर्ण पुस्तक मेले के रूप में स्थापित होगा। उनके अनुसार, यदि युवा और आने वाली पीढ़ियाँ पढ़ाई की आदतों को अपनाएँगी, तो यही हमारे देश के विकास में सहायक होगा।