हाइलाइट्स
भंवरी देवी से 1992 की घटना का जिक्र करते ही भड़क उठती हैं.
इसने न केवल उनकी जिंदगी बदल दी, बल्कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का नजरिया भी बदल दिया.
भंवरी देवी अपनी अपील पर सुनवाई के लिए नई तारीख का इंतजार कर रही हैं.
जयपुर. जयपुर के एक छोटे से कमरे में भंवरी देवी (Bhanwari Devi) हाल ही में हुई दिल की सर्जरी से उबर रही हैं. उनको डॉक्टर से जोर से नहीं बोलने का सख्त आदेश मिला हुआ है. लेकिन जैसे ही आप 1992 का जिक्र करते हैं और वह जमकर भड़कती हैं. इस साल ने न केवल उनकी जिंदगी बदल दी, बल्कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का नजरिया भी बदल दिया, जिससे भारत में यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) कानून बना. जबकि उन्हें स्वयं न्याय से वंचित कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हुई अपील ने यह सुनिश्चित किया कि कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं. विशाखा दिशानिर्देश (Vishaka Guidelines) उस पीड़ा से पैदा हुए थे, जिससे भंवरी देवी गुजरी थीं.
सबसे बड़ी विडंबना यह है कि भंवरी देवी अपनी अपील पर सुनवाई के लिए नई तारीख का इंतजार कर रही हैं. राजस्थान में चुनाव होने जा रहे हैं. इससे सभी की अचानक भंवरी देवी में बहुत दिलचस्पी बढ़ गई है, नेता सामने आ रहे हैं और उन्हें न्याय दिलाने का वादा कर रहे हैं. भंवरी के साथ बलात्कार (Gang Rape) करने वाले लोग उनसे इसलिए खफा थे कि वह राज्य सरकार के कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में बाल विवाह को रोकने की कोशिश कर रही थीं. तीन साल में भंवरी देवी का जीवन नरक बन गया क्योंकि उसे ग्रामीणों और उसके परिवार के कई लोगों ने बहिष्कृत कर दिया था.
हालांकि भंवरी देवी को अभी और भी बड़ा दर्द मिलना बाकी था. 1995 तक सभी आरोपियों को बलात्कार के आरोप से बरी कर दिया गया. भंवरी देवी की आंखों में गुस्सा साफ झलकता है. उन्होंने कहा कि ‘मैंने क्या किया? मैं किसी से कुछ नहीं छीन रही थी. मैं केवल एक लड़की की जान बचा रही थी. मैं भी बाल विवाह का शिकार रही हूं. उन लोगों का क्या जिन्होंने मेरे साथ बलात्कार किया? कोई उन पर उंगली क्यों नहीं उठाता?’ उन्होंने आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में अपील दायर की है और मामला अभी भी लंबित है.
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एक महिला अधिकार एनजीओ के लिए काम करने वाले उनके बेटे मुकेश ने कहा कि ’30 साल से अधिक समय हो सकता है, लेकिन न्याय का स्वागत है. मैं चाहता हूं कि मेरी मां का रुख सही साबित हो.’ हालांकि भटेरी गांव में जहां सामूहिक बलात्कार होने का आरोप है, News18 से पुरुषों के एक समूह ने कहा कि ‘कोई बलात्कार नहीं हुआ था. यह सिर्फ एक विवाद था. बूढ़े लोग उसका बलात्कार क्यों करना चाहेंगे? ऐसा क्यों है कि गांव में कोई भी उसके साथ खड़ा नहीं हुआ?’ मगर भंवरी देवी ने खिड़की से बाहर देखते हुए कहा कि ‘मैं चुप नहीं रहूंगी. हम सभी को बोलना चाहिए. आपको भी बोलना चाहिए… हम महिलाएं चुप नहीं रह सकतीं.’ राजनीतिक शक्ति महत्वपूर्ण है. यह हमारा अधिकार है.’ भंवरी देवी को न्याय के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ा. क्या आखिरकार उसकी अपील पर सुनवाई होगी?
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FIRST PUBLISHED : November 9, 2023, 11:28 IST
