नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद दिल्ली के लोगों को अब अगले कुछ दिनों में वायु प्रदूषण (Air Pollution in Delhi-NCR)  से राहत मिल सकती है. केंद्र सरकार और केजरीवाल सरकार मिलकर एक योजना तैयार कर रही है, जो आने वाले दिनों में पूरे दिल्ली-एनसीआर में लागू किया जा सकता है. केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, पंजाब सरकार, यूपी सरकार और दिल्ली सरकार मिलकर अब वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति से निपटेगी. इस बीच केंद्र सरकार ने दिल्ली में कृत्रिम बारिश पर सहमति दी है. इसके बाद दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों के साथ अहम बैठक कर दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने का फैसला किया है. इसके साथ ही पूरे दिल्ली में पानी का छिड़काव और कनॉट प्लेस में बंद पड़े स्मॉग टावर को दोबारा शुरू करने पर भी फैसला लिया गया है. कनॉट प्लेस में बुधवार को स्मॉग टावर का निरिक्षण किया गया. इसे गुरुवार को शुरू करने की बात थी, लेकिन फिलहाल यह अभी तक शुरू नहीं हुई है.

इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि हम कोशिश में लगे हुए हैं कि दिल्ली में 20-21 नवंबर को कृत्रिम बारिश कराएं. दूसरी तरफ दिल्ली सरकार की ओर से प्रस्तावित ऑड-ईवन फॉर्मूले पर अभी कोई विचार नहीं किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि दिल्ली सरकार दूसरे विकल्पों पर विचार करे. केंद्र सरकार ने भी दिल्ली सरकार के इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं दी है. अब दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने जैसे विकल्पों पर काम हो रहे हैं. लेकिन, आईआईटी कानपुर का कहना है कि कृत्रिम बारिश के लिए कम से कम 40 फीसदी बादल जरूर चाहिए. आईआईटी कानपुर दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. माना जा रहा है कि दिल्ली में 20-21 नवंबर के बीच बादल बनने की संभावना है.

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दिल्ली को वायु प्रदूषण से बचाने के लिए अब दीर्घकालिक उपायों पर काम शुरू हो गया है. (PTI)

दिल्ली से खत्म होगा वायु प्रदूषण
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अगुवाई में बुधवार को उच्च स्तरीय बैठक में कई फैसले लिए गए हैं. इस बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की सचिव लीना नंदन सहित कृषि, ऊर्जा और शहरी विकास मंत्रालय के सचिवों के अतिरिक्त पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित सभी पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिव व डीजीपी, प्रदूषण बोर्ड से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. इस उच्च स्तरीय बैठक में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति से निपटने के फौरी और दीर्घकालिक उपायों पर लंबी चर्चा की गई. इसके बाद दिल्ली सरकार को निर्देश दिए गए.

केंद्र और दिल्ली सरकार ने बनाया यह प्लान
इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि राजधानी में वायु प्रदूषण के स्तर में ठहराव बना हुआ है. आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट से स्थिति और खराब हो सकती है. हवा की गति भी बहुत कम है. ऐसे में दिल्ली सरकार और संभावनाओं पर भी विचार कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के बाद कोशिश कर रहे हैं कि किस तरह और किन-किन माध्यमों के जरिए वायु प्रदूषण को कम किया जाए. दिल्ली में जो भी स्मॉग टावर लगाए गए हैं, उन्हें चलना सुनिश्चित कराने का प्रयास शुरू हो गया है. मौजूदा समय में इनमें से ज्यादातर बंद पड़े हैं. इसके साथ ही सड़कों पर पानी के छिड़काव के लिए अतिरिक्त टीम लगाई जाएगी. साथ ही सड़कों की सफाई में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि धूल न उड़े. इसके लिए मशीनों के जरिए सड़कों की सफाई को ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी.

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दिल्ली को ई-व्हीकल जोन के रूप में तब्दील करने का भी एक प्रस्ताव. 

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कुलमिलाकर दिल्ली को वायु प्रदूषण से बचाने के लिए अब दीर्घकालिक उपायों पर काम शुरू हो गया है. इसी के तहत अब पूरी दिल्ली को ई-व्हीकल जोन के रूप में तब्दील करने का भी एक प्रस्ताव आया है, जिसे फिलहाल रोक दिया गया है. इस प्रस्ताव के मुताबिक दिल्ली में पेट्रोल और डीजल वाहन पूरी तरह प्रतिबंधित करने का भी विचार चल रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदूषण के हालात अगर नहीं सुधरे तो दिल्ली में सिर्फ ई-व्हीकल को ही चलने की अनुमति रहेगी.

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