Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट दिवाला और दिवालियापन अधिनियम (Insolvency and Bankruptcy Code) के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की बेंच के सामने एक तरफ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (SG Tushar Mehta) खड़े थे. तो दूसरी तरफ अभिषेक मनु सिंघवी और मैथ्यूज नेदुमपारा (Mathews Nedumpara) जैसे दिग्गज वकील दलील दे रहे थे.

कार्यवाही के दौरान CJI एक वकील की दलील से खासा प्रभावित हुए.

‘मी लॉर्ड, मुझे लगा…’
सुनवाई के दौरान एडवोकेट मासूम शाह ने दलील दी की इस मसले के चलते किसी की सिविल डेथ हो रही है और यह संविधान के अनुच्छेद 21 को भी प्रभावित करता है. इस पर सीजेआई ने कहा कि आप बहुत अच्छी बहस कर रहे हैं. कृपया धीरे-धीरे अपने प्वाइंट रखिए. इस पर एडवोकेट शाह ने कहा ‘मी लॉर्ड, मुझे लगा कि मेरे पास बहुत कम वक्त है, इसलिए जल्दी-जल्दी अपनी बात रख रहा था…’

एडवोकेट की बात सुन चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि किसी वकील को कम समय तब दिया जाता है, जब उसके पास कोई खास प्वाइंट नहीं होता है. आपके पास तो ठोस प्वाइंट्स हैं, अच्छी बहस कर रहे हैं, इसलिए अतिरिक्त समय ले सकते हैं…

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कहां प्रैक्टिस करते हैं आप?
इसके बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ वकील से आगे सवाल किया, ”आप कहां-कहां की अदालतों में प्रैक्टिस करते हैं?’ इस पर वकील ने जवाब दिया ‘मैं अहमदाबाद में प्रैक्टिस करता हूं और कई बार भगवान चाहते हैं तो सर्वोच्च न्यायालय में भी पेश होने का मौका मिलता है…’ इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ मुस्कुराने लगे और कहा कि ‘तभी तो हम आपको सुन रहे हैं…’

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