Success Story: नीट यूजी (NEET UG) को देश की सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में से एक माना जाता है. इसे पास करने के लिए युवाओं को काफी मेहनत करनी पड़ती है. एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने वीडियो गेम खेलने और टीवी देखने के साथ NEET की परीक्षा में भी टॉप किया है. उन्होंने पढ़ाई को कभी बोझ की तरह नहीं लिया और सही डायरेक्शन में तैयारी करके NEET UG की परीक्षा में टॉप किया था. वर्ष 2021 में मृणाल कुट्टेरी को 720 में से 720 अंकों के साथ NEET UG की परीक्षा में AIR 1 रैंक हासिल किया था.

मृणाल कुट्टेरी हैदराबाद के मूल निवासी हैं, जिन्होंने कक्षा 9वीं में डॉक्टर बनने का फैसला किया था. उनके पिता एक HR कंसल्टेंट हैं जबकि उनकी मां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. उन्होंने इस तथ्य पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया कि मेडिकल फील्ड उन्हें समाज की मदद करने का बेहतर अवसर प्रदान करेगा. न केवल तैयारी के दौरान बल्कि NEET का प्रयास करते समय भी मृणाल कुट्टेरी का नजरिया अनोखा था. मृणाल बताते हैं कि मेरी मुख्य प्रेरणा टीवी शो देखने से मिली है. मैं वास्तव में कॉमेडी का आनंद लेता हूं और टीवी शो ने मुझे प्रेरित किया है.

डॉक्टर बनने का था सपना
मृणाल वर्ष 2020 में कक्षा 11वीं में थे तभी से NEET की तैयारी कर रहे थे. तभी कोविड-19 महामारी की वजह से कक्षाएं ऑनलाइन हो गई थी. वह अपने परिवार में पहला डॉक्टर बनने जा रहा था. वह अपने सपनों के संस्थान AIIMS, नई दिल्ली से MBBS की पढ़ाई करना चाहते थे. यहां NEET टॉपर्स, मृणाल कुट्टेरी की सफलता की कहानी और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के दौरान उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

ब्रेक के लिए खेलते थे वीडियो गेम
मृणाल ने कहा कि अध्ययन के केंद्रित सेशन और पर्याप्त ब्रेक द्वारा चिह्नित एक अच्छी तरह से संतुलित दिनचर्या का पालन करने से मुझे एनईईटी यूजी परीक्षा में अच्छा परफॉर्म करने में मदद मिली. NEET की तैयारी के दौरान मैंने अपने शौक नहीं छोड़े. मुझे लगता है कि ऐसा करना प्रतिकूल होता है. मृणाल कुट्टेरी के अनुसार उन्होंने 45 मिनट की छोटी अवधि के लिए अध्ययन किया, उसके बाद 10-15 मिनट का ब्रेक लिया. उनके लिए ब्रेक का मतलब ज्यादातर वीडियो गेम खेलना या टीवी देखना था.

4 घंटे रोज करते थे पढ़ाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मृणाल बताते हैं कि मैं उन टॉपर्स के साक्षात्कार पढ़कर भयभीत हो जाता था जो प्रतिदिन कम से कम 12 घंटे अध्ययन करने का दावा करते थे. महामारी के दौरान जब मैं घर पर था, मेरे पास फोन, टीवी और लैपटॉप था. ये सभी ध्यान भटकाने वाले थे और शुरुआत में मुझे ध्यान केंद्रित करना था और खुद को पढ़ाई की ओर पुनर्निर्देशित करना था. समय के साथ यह बेहतर होता गया. वह हर दिन लगभग 4 घंटे की पढ़ाई करते थे.

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Tags: NEET, Neet exam, Success Story

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Author: Target Tv

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