हाइलाइट्स
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 अपडेट
जयपुर ग्रामीण की फुलेरा सीट पर मचा है घमासान
फुलेरा में फिर से दोनों चिर परिचित प्रतिद्वंदी हैं आमने-सामने
जयपुर. राजस्थान में बीजेपी अपने मजबूत किलों को बचाने के लिए इस बार फिर पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही है. फुलेरा बीजेपी की सबसे मजबूत सीटों में से एक है. वहां बीजेपी पिछले चार चुनाव से लगातार जीत रही है लेकिन कांग्रेस भी इस बार बीजेपी के जीत के रथ को रोकने के लिए मैदान में पूरी ताकत दिखा रही है. फुलेरा विधानसभा सीट पर इस बार फिर पुराने प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में डटे हैं. बीजेपी से एक बार फिर निर्मल कुमावत तो कांग्रेस से विद्याधर चौधरी के बीच मुकाबला है.
निर्मल कुमावत फुलेरा से लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं. वहीं विद्याधर पिछली बार मामूली अंतर से चुनाव हारे थे. लिहाजा इस बार कांग्रेस वहां लगातार मिल रही हार का बदला चुकाने के लिए कमर कसती दिख रही है. दूसरी तरफ बीजेपी जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त है. लेकिन दोनों ही पार्टियों को भीतरघात का डर है. फुलेरा में कांग्रेस ने आखरी बार 1993 का चुनाव जीता था.
इस बार मुकाबला कांटे का बताया जा रहा है
डॉक्टर हरि सिंह के सीकर से सांसद बनने के बाद यहां पर हुए उपचुनाव में बीजेपी की टिकट पर रामनारायण किसान ने चुनाव जीता. तब से लेकर अब तक यहां कांग्रेस जीत को तरस रही है. विद्याधर चौधरी उन्हीं डॉक्टर हरि सिंह के बेटे हैं जो सीकर से सांसद रहने के अलावा फुलेरा से तीन बार विधायक रहे. वे जनता पार्टी की सरकार में 1977 में पीएचईडी मंत्री भी रहे थे. वहीं निर्मल कुमावत का 2008 से शुरू हुआ राजनीतिक सफर लगातार उन्हें चुनाव जीता रहा है. लेकिन इस बार मुकाबला कांटे का बताया जा रहा है.
फुलेरा में विकास बड़ा मुद्दा है, जिला नहीं बनने की टीस भी है
बीजेपी फिर से पीएम मोदी के चेहरे पर वोट मांग रही है तो कांग्रेस गहलेात सरकार की उपलब्धियों और गारंटी को प्रचारित कर मतदाताओं के भरोसे को जीतने की कोशिश कर रही है. फुलेरा में विकास बड़ा मुद्दा है. वहीं सांभर के जिला नहीं बन पाने की भी टीस आम जनता में खूब सुनाई पड़ रही है. विद्याधर चौधरी ने सांभर को जिला बनाने के लिए हुए आंदोलन में बढ़ चढ़कर भागीदारी निभाई थी. इस मामले में निर्मल कुमावत की भागीदारी ज्यादा नजर नहीं आई. अब चुनाव में जिला भी बड़ा मुद्दा बनता दिख रहा है.
दोनों प्रत्याशियों के सामने है बड़ी चुनौती
फुलेरा में दोनों ही पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर है. निर्मल के सामने जीत के सिलसिले को लगातार बनाये रखने की चुनौती है तो विद्याधर चौधरी को कांग्रेस की हार का सिलसिला तोड़ने की. जनता दोनों ही उम्मीदवारों के वादों को परख रही है. आखिरी दिन तक जो सोशल इंजीनियरिंग को पक्ष में कर लेगा उसकी जीत तय है. कांग्रेस बीजेपी के अभेद्य किले को भेदने के लिए इस बार हर संभव कोशिश कर रही है. वहीं बीजेपी किसी भी सूरत में कांग्रेस को सेंधमारी का मौका ही नहीं देना चाहती है.
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FIRST PUBLISHED : November 13, 2023, 17:19 IST