हाइलाइट्स
गोवर्धन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 43 मिनट से है.
इस बार गोवर्धन पूजा के दिन शोभन और अतिगंड योग बन रहे हैं.
Govardhan puja 2023: दिवाली के 5 दिन के त्योहार में गोवर्धन पूजा का भी हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. गोवर्धन पूजा हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है. इस विशेष दिन गोवर्धन पर्वत, भगवान श्रीकृष्ण और गो माता की पूजा का विधान है. मान्यता है कि, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने देवताओं के राजा इंद्र के अहंकार को तोड़ा था. गोवर्धन पूजा के साथ इस दिन को भगवान श्रीकृष्ण की जीत के रूप में भी मनाते हैं. भगवान श्रीकृष्ण को इस दिन विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट मनाते हैं. गोवर्धन की उचित समय पर पूजा करने से मनचाही इच्छा की पूर्ति होती है. इसबार कई लोगों को गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर भी कंफ्यूजन है. ऐसे में सवाल है कि अखिर कब है गोवर्धन पूजा? क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त? गोवर्धन पूजा के दिन कौन से योग और नक्षत्र है? इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट–
गोवर्धन पूजा 2023 की सही तारीख?
इसबार गोवर्धन की पूजा की तिथि को लेकर ज्यादातर लोग भ्रमित हैं. ऐसे में ज्यादातर लोगों का सवाल है कि आखिर गोवर्धन पूजा की सही तारीख क्या है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 13 नवंबर दिन सोमवार को दोपहर 02:56 बजे से प्रारंभ हो रही है. इस तिथि का समापन 14 नवंबर दिन मंगलवार को दोपहर 02:36 बजे होगा. इसी वजह है कि उदयातिथि के आधार पर गोवर्धन पूजा 14 नवंबर मंगलवार को होगी.
गोवर्धन पूजा 2023 का शुभ मुहूर्त क्या है?
इसबार गोवर्धन पूजा पर अनुराधा नक्षत्र में 2 शुभ शोभन और अतिगंड योग बन रहे हैं. ऐसे में पूजा करने वाले व्यक्ति को दोगुना लाभ हो सकता है. इसबार 14 नवंबर को गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:43 बजे से सुबह 08:52 बजे तक है. इस हिसाब से गोवर्धन पूजा के लिए आपको 2 घंटे 9 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा.
कौन सा योग किस समय तक?
इस बार गोवर्धन पूजा के दिन 2 शुभ योग शोभन और अतिगंड योग बन रहे हैं, साथ ही अनुराधा नक्षत्र है. गोवर्धन पूजा पर शोभन योग प्रात: काल से लेकर दोपहर 01:57 बजे तक है. उसके बाद से अतिगंड योग लग जाएगा. शोभन योग को बेहद शुभ योग माना जाता है. गोवर्धन पूजा के दिन सुबह से ही अनुराधा नक्षत्र होगी. अनुराधा नक्षत्र 15 नवंबर को 03:24 एएम तक है. उसके बाद से ज्येष्ठा नक्षत्र का प्रारंभ हो जाएगा.
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गोवर्धन पूजा का महत्व?
गोवर्धन पूजा की परंपरा चली आ रही है. कहा जाता है कि एक बार ब्रज के लोग इंद्र देव की पूजा की तैयारी कर रहे थे. तभी भगवान श्रीकृष्ण ने माता यशोदा से इंद्र देव की पूजा का कारण पूछा. इस पर उनकी माता ने बताया कि इंद्र देव वर्षा करते हैं, जिससे फसल अच्छी होती है और धरती पर हरियाली भी छाई रहती है. इसी वजह से हम सभी लोग उनकी विधि-विधान से पूजा करते हैं. माइया की बात सुनकर भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि वर्षा करना तो इंद्र देव का कर्तव्य है, फिर पूजा किस बात की? इंद्रदेव की पूजा करने से बेहतर होगा कि गोवर्धन की पूजा की जाए. क्योंकि गोवर्धन पर गाय चरने जाती हैं और उनका पेट भरता है. फिर वो हमें दूध देती हैं.
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भगवान श्रीकृष्ण के सुझाव पर लोगों ने इंद्र देव की जगह गोवर्धन की पूजा की. इससे नाराज होकर इंद्र देव ने मूसलाधार बारिश शुरू कर दी, जिससे चारों ओर हाहाकार मच गया. तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगुली पर उठा लिया, जिसके नीचे लोगों ने शरण ली. साथ ही लोग गोवर्धन की जय-जयकार करने लगे. इससे इंद्र का घमंड चूर हो गया. इंद्र देव ने भगवान श्रीकृष्ण से अपनी गलती के लिए क्षमा मांगी. उस दिन से गोवर्धन पूजा होने लगी. इसके बाद से यह परंपरा चली आ रही है.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : November 14, 2023, 06:31 IST
