हाइलाइट्स
आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर की अनोखी परंपरा
भाईदूज पर होता है गायों की दौड़ का अनूठा आयोजन
ग्रामीणों के अनुसार बीते 100 साल से चल रही है ये परंपरा
डूंगरपुर. राजस्थान के डूंगरपुर जिले के बिछीवाड़ा इलाके के छापी गांव में दिवाली के बाद भाई दूज पर मंगलवार को गाय दौड़ मेले का आयोजन किया गया. गाय दौड़ में एक साथ रंग बिरंगी 200 गायों ने दौड़ लगाई. लोग भी गायों को हांकते हुए उनके साथ दौड़े. इस दौड़ में सफेद रंग की गाय विजेता रही. स्थानीय परंपरा के अनुसार इससे अब आने वाले साल के अच्छा रहने का अनुमान लगाया गया है. इस इलाके में यह गाय दौड़ बीते करीब 100 बरसों से हो रही है.
छापी के पंचायत समिति सदस्य अमृत मनात और छापी सरपंच आशा देवी मनात ने बताया की छापी समेत आसपास के गांवों में पिछले 100 साल से गाय दौड़ का आयोजन करने की परंपरा है. इस दौड़ में जीतने वाली गाय के रंग से ही आने वाले साल के भविष्य का अनुमान लगाया जाता है. दिवाली के बाद भाई दूज के दिन ग्रामीण गांव शिव मंदिर में इकट्ठे होते होते हैं. मंदिर में भगवान शिवजी की पूजा अर्चना करने के बाद सभी लोग गांव के स्कूल मैदान पहुंचते हैं.
ग्रामीण गायों को मोर पंखों से सजा धजा कर लाते हैं
छापी के आसपास के चंद्रवासा, बिछीवाड़ा, गेंहुवाड़ा, धामोद और गूंदीकुआ समेत कई गांवों के लोग अपनी गायों को रंग बिरंगी कपड़ों की कतरनों और मोर पंखों से सजा धजा कर लाते हैं. गायों को मैदान में एक साथ खड़ा किया जाता है. इस बार 200 गायों ने दौड़ लगाई. ग्रामीणों में गायों को हांकते हुए आगे निकलने की होड़ लगी रही. दौड़ के दौरान दोनों तरफ खड़े लोगों ने जमकर हूटिंग करते हुए गायों को दौड़ाया.
आने वाले साल में अच्छी बारिश होने का अनुमान
इस बार करीब आधा किमी तक दौड़ लगाते हुए सफेद रंग की गाय ने रेस जीत ली. सफेद रंग की गाय के जीतते ही लोगों में खुशी छा गई. लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी. पंचायत समिति सदस्य अमृत मनात ने बताया की सफेद रंग की गाय जीतने से आने वाला साल अच्छा रहने का अनुमान है. यह इस बात का संकेत है कि आने वाले साल में अच्छी बारिश होगी. फसल की पैदावार भी अच्छी होने और सभी जगह खुशियां रहने के आसार हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 14, 2023, 16:40 IST