…ओर बिना अनुमति काट दिए आम के हरे भरे पेड़
वन विभाग की टीम देख, ठेकेदार फरार
आम के पत्तों से भरी ट्रैक्टर ट्राली हिरासत में,JCB को कब्जे में न लेने पर वन क्षेत्र अधिकारी की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगा दिया
महेश शर्मा
धामपुर। स्योहारा मार्ग स्थित धामपुर जंक्शन कालोनी के निकट बिना अनुमति आम के हरे-भरे पेड़ काटने के मामले में मुखबिर की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई।वन विभाग की टीम को देखकर पेड़ काट रहे ठेकेदार एवं उसके आदमी मौके से फरार हो गए।वन विभाग ने मौके से दस कटे हुए पेड़,लकड़ी एवं पत्तों से भरी एक ट्रैक्टर ट्राली हिरासत में ले ली है।
क्षेत्रीय वन अधिकारी ने ठेकेदार के फरार होने के बाद बाग में मौके पर खड़े नरेंद्र गुप्ता पुत्र स्व. प्यारेलाल गुप्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की बात कही।
सूत्रों के अनुसार उक्त कालोनी के पास एक बाग में आम के सैकड़ों पेड़ खड़े है।लोगों का आरोप है कि पिछले कुछ दिनों से उक्त पेड़ों पर वन विभाग की बिना अनुमति के दिन में ही पेड़ों का कटान किया जा रहा है।किसी मुखबिर ने इसकी सूचना वन विभाग को देते हुए कार्रवाई की मांग की।
बताते है कि शिकायत के बाद क्षेत्रीय वन अधिकारी गोविन्द सिंह गंगवार रानी बाग पुलिस चौकी से पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए।वन विभाग तथा पुलिस की टीम जब मौके पर पहुंची तो दर्जनों लोग आम के हरे-भरे पेड़ काटते हुए नजर आए।
बताते हैं कि वन विभाग तथा पुलिस को देखकर पेड़ काट रहे ठेकेदार व उसके लोग मौके से फरार हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दो जेसीबी भी खड़ी थी।पेड़ काटने के बाद जेसीबी से पेड़ों की जड़े भी निकालकर भूमि समतल की जा रही थी।
वन क्षेत्र अधिकारी ने मौके से आम के पत्तों से भरी एक ट्रैक्टर ट्राली को कब्जे में लेकर वन विभाग के कार्यालय में तो खड़ा करा दिया। लेकिन JCB को कब्जे में लेना गवारा न करने पर वन क्षेत्र अधिकारी की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
यहां बताते चलें कि मौके से आम के दस कटे हुए पेड़ बरामद हुए हैं।उन्होंने बताया कि काटे गए पेड़ों का जुर्माना डीएफओ के द्वारा निर्धारित किया जाएगा। फिलहाल बाग स्वामी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा
रही है।
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी उक्त बाग में दस आम के हरे-भरे पेड़ कटने की रिपोर्ट पहले भी दर्ज हो चुकी है।लेकिन बताते हैं कि उक्त कटे पेड़ों की रिपोर्ट भी उक्त उघोगपति के नाम से ही दर्ज होते हुए अभी उस पर भी जुर्माना लगना शेष है। अब देखना है कि ऊंट किस करवट बैठता है।