……..और अब पर्थ में भी होगा भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण
On Telephone with Dr Dilawar Singh
Report By Omprakash Chauhan
अयोध्या के बाद अब ऑस्ट्रेलिया में भी भव्य श्रीराम मंदिर
जी हां, अयोध्या के बाद अब पर्थ, ऑस्ट्रेलिया में भी भव्य श्रीराम मंदिर बनने जा रहा है। भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण पर्थ में रहने वाले भारतीय प्रवासियों द्वारा सं स्थापित अंतर्राष्ट्रीय श्रीराम वैदिक एवं सांस्कृतिक संघ (इक्ष्वाकु) (www.isvacu.org) द्वारा किया जा रहा है।
इक्ष्वाकु संस्था खरीद रही है 146 ऐकड़ जमीन
इक्ष्वाकु संस्था इस परियोजना के लिए 146 ऐकड़ जमीन खरीद रही है। श्री राम मंदिर इस बड़ी प्रेरणादायक परियोजना का मुख्य केंद्र होगा। मंदिर परिसर में श्रीराम मंदिर के अलावा योग और ध्यान केंद्र, कल्याण और सांस्कृतिक केंद्र, वेद अध्ययन केंद्र, बहुक्रियाशील सामुदायिक हॉल, सामुदायिक रसोई, कला दीर्घाएं एवं प्राचीन पुस्तकों, लिपियों, रामायण और अन्य वैदिक प्रकाशनों के लिए पुस्तकालय भी शामिल होगें।
श्रीराम मंदिर परिसर में रंगीन बहुसांस्कृतिक प्रदर्शनों और दशहरा, दीवाली, राम नवमी, हनुमान जयंती आदि त्योहारों, भक्ति संगीत/गीत प्रदर्शन और प्रसिद्ध गुरुओं और संतों द्वारा प्रस्तुतियों का आयोजन भी किया जायेगा।
इक्ष्वाकु संस्था का मुख्य उद्देश्य श्रीराम के जीवन, सिद्धांतों और मूल्यों के माध्यम से भारतीय संस्कृति को विश्व के विभिन्न देशों में बढ़ावा देना तथा एक समतावादी समाज बनाने पर ध्यान केंद्रित करने और “वसुधैव कुटुम्बकम” (विश्व एक परिवार है) के सिद्धांत पर दुनिया का निर्माण करने और समाज में समानता के महत्व को स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करना है। इक्ष्वाकु संस्था विश्व के विभिन्न देशों में श्रीराम मंदिर, योग केंद्र, ध्यान केंद्र, सांस्कृतिक केंद्र, वेद अध्ययन केंद्र और प्राचीन पुस्तकों, लिपियों, रामायण और अन्य ग्रंथो के लिए पुस्तकालयों आदि के निर्माण और परिसरों को खरीदने और उनके रख रखाव की परिकल्पना करती है।
पर्थ स्थित भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण में 500 करोड़ रूपये का खर्च आने का अनुमान है जिसके लिए इक्ष्वाकु विश्व भर से दान इकठ्ठा कर रही है। इक्ष्वाकु के संस्थापक डॉ दिलावर सिंह ने बताया कि पर्थ में बनने वाले भव्य श्रीराम मंदिर के निमार्ण के लिए भारत से अपार सहयोग मिल रहा रहा है तथा संस्था की कार्यकारी समिति और मार्गदर्शक मंडल में ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका, मारीशस, कनाडा, इंग्लैंड और विश्व भर से अन्य देशों के हिंदू, सिक्ख, ईसाई एवं मुस्लिम समुदाय के गणमान्य व्यक्ति शामिल हैं।