द्वारिका से लौटकर ओमप्रकाश चौहान ग्रेटर नोएडा

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मेरी गुजरात यात्रा, मेरा अनुभव

द्वारिका से लौटकर ओमप्रकाश चौहान की रिपोर्ट, ग्रेटर नोएडा

25 फरवरी 2024 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात के ओखा से वेट (बैट ) द्वारिका में समुंद्र पर विशाल ब्रिज का उद्घाटन करते देखा, समुंद्र के गहरे पानी में स्कूबा डाइविंग कर प्राचीन द्वारकाजी मंदिर का दर्शन करते भी देखा। कुछ स्वार्थी हिंदुओं को ये मामूली बात नजर आ रही थी। या समुंद्र में उतरना, केवल फोटोग्राफी करना लगा।

मोदी सरकार धीरे धीरे एक एक कर भारत के खोए वैभव को पूरी प्लानिंग के साथ फिर से लौटा रहा है। अब अगला पड़ाव असम है, जहां मां कामाख्या मंदिर का 700 करोड़ से कायाकल्प करने का बीड़ा उठाया है। लेकिन कुछ लोगों का काम केवल कुतर्क कर मुद्दे की बात को भटकाना रहता है।

बेट (द्वारिका के ब्रिज) की महत्ता
बेट द्वारिका को अपने पुराने वैभव में लाने के लिए गुजरात सरकार ने 200 करोड़ की योजना और मुख्य भूमि से जोड़ने के लिए एक विशाल ब्रिज आज पूर्ण हो गया। हिंदुओं के लिए एक विचारणीय बात है कि किस तरह से सिर्फ 100 साल के अंदर एक प्लानिंग के तहत हिंदुओं के सबसे पवित्र स्थान बेट द्वारिका का इस्लामीकरण कर दिया गया।
बेट द्वारिका में कभी सिर्फ हिंदू ही रहते थे फिर एक हिंदू ने ऊंची कीमत के लालच में एक मुस्लिम मच्छीमार को अपना घर बेच दिया, फिर बगल में एक मुस्लिम के आने से आजू-बाजू के लोग भी अपना घर बेचने लगे लेकिन वह लोग भी ज्यादा पैसे की लालच में अपना घर मुसलमानों को बेचते गए। धीरे धीरे धीरे धीरे सिर्फ एक सदी के अंदर एक प्लानिंग के तहत वेट द्वारिका में 80% मुसलमान हो गए और सिर्फ 20% हिंदू बचे और वह हिंदू भी सिर्फ अपना मकान वहां रखे हैं वह या तो ओखा में रहते हैं या जामनगर में रहते हैं।
ओखा से बेट द्वारका जाने के लिए जो वोट चलता है वह सभी वोट मुस्लिम समुदाय की है, लेकिन अफसोस कि सरकार और कानून व्यवस्था भी इनके आगे कितनी असहाय है। सरकारी नियम कानून में इन्हें सिर्फ 20 लोगों को ले जाने की इजाजत है लेकिन वह छाती ठोक कर सरकार और नियम कानून को चैलेंज देते हुए भेड़ बकरियों की तरह 20 लोगों के बजाय 100 से 150 लोगों को भरते हैं। अब तक कई बार भयानक दुर्घटना भी हो चुकी है और वो हिन्दुओ की मजबूरी से खूब मोटा पैसा कमाते हैं, वहां के पंडे दुखी होकर गाइड बन गए हैं कि हिन्दू का यहां कोई कारोबार नहीं चलने देते। हिन्दू अब 10% रह गए हैं बस। एक विशेष समुदाय वर्ग के लोगों की दादागिरी ऐसी यदि कोई हिंदू इस बिजनेस में उतरना चाहे तो वह उसे उतरने नहीं देते।
बेट द्वारका में कई मजार बन गए मस्जिद बन गई और फिर प्लानिंग के तहत एक दिन वक्फ बोर्ड ने पूरे वेट द्वारिका पर ही अपना दावा ठोकते हुए गुजरात हाई कोर्ट में अपील कर दिया कि वेट द्वारका मुसलमानों का है, यहां से मंदिर हटाया जाए और हमें मस्जिद विशाल मस्जिद बनाने की इजाजत दिया जाए।
लेकिन भाजपा और मोदी सरकार ने पिछले 5 साल में वेट द्वारिका का कायाकल्प किया। गुजरात कैबिनेट ने 200 करोड़ की एक प्रोजेक्ट मंजूर किया , उसके अलावा अब ओखा से वेट द्वारिका के बीच समुद्र पर एक विशाल ब्रिज बना दिया।
आज प्रधानमंत्री मोदी ने इस ‘सुदर्शन सेतु’ का उदघाटन किया।
यानी अब आप कार लेकर सीधे बैठ द्वारिका चले जाएंगे यानी यह वोट का झंझट खत्म और जिस तरह से बनारस में मोदी सरकार ने काशी कॉरिडोर बनाया है ठीक उसी तरह से बेट द्वारका में तमाम मकानों को तोड़ा गया वहां बड़े पार्किंग प्लॉट बनाया गया। मंदिरों का कायाकल्प किया गया और 18 वीं सदी के नक्शे के अनुसार सारा विकास किया गया, यानी अब यदि मुस्लिम मकान आदि पर अपना दावा ठोके तो उसे नहीं माना जाएगा।
बेट द्वारिका में घटोत्कच का मंदिर है। बहुत कम लोगों को पता है कि भीम और हिडिंबा का विवाह भी यही हुआ था वहां भी मंदिर है, लेकिन एक समुदाय विशेष के लोगों ने इस जमीन पर कब्जा कर इतना सकरा कर दिया⁶ था कि आप सिर्फ पैदल जा सकते थे।
अब बेट द्वारिका में तमाम हिंदू मंदिरों तक एकदम चौड़ी सड़क बन गई है। बड़े बड़े कोरिडोर बना दिये गए हैं और वेट द्वारिका का जो अब तक इस्लामीकरण हुआ था वह धीरे धीरे खत्म कर दिया गया है।

 

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