सरस्वती शिशु मंदिर में नवरंग काव्य गोष्ठी का आयोजन
वृंदावन। होली के पावन पर्व पर “राष्ट्र चेतना मंच” समिति द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर प्रताप बाजार में नवरंग काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । गोष्ठी की अध्यक्षता मोहन मोही ने की मुख्य अतिथि के रूप में डॉ रमेश चन्द्राचार्य उपस्थित रहे।
सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर गोष्ठी का शुभारंभ ब्रजकिशोर त्रिपाठी की सरस्वती वन्दना से हुआ। डॉ उमाशंकर “राही” ने वर्तमान परिस्थितियों पर कटाक्ष करते हुए कहा -झाड़ू ने भी कर लिया कचरे से है मेल । झाड़ू के सरदार सब जाएंगे अब जेल।।होली पर कहा -मन की मलिनता धोलो तो हो गई होली । दो बोल प्रेम के बोलो तो हो गई होली ।।अध्यक्षता कर रहे मोहन मोही ने कहा -ऐसो मचो फाग भारत में या को रंग उड़े चहुँ ओर ।फरिया केसरी, चोली सादा लहंगा हरे रंग में बोर।।ब्रजभूषण चतुर्वेदी ने कहा- नेह कौ रंग चढ़ाय गयौ वह मार के नैन की पिचकारी। संचालन करते हुए ब्रजकिशोर त्रिपाठी ने पढ़ा- रंगों का उत्सव हमें देता है संदेश ।
सबके प्रति सद्भावना रहे ना कोई क्लेश ।।रंगों की रंगत नयी भगवा रंग के संग । सब मिलने को हो रहे लेके मन में तरंग ।।मूलचंद शर्मा निर्मल ने पढ़ा-रंग बसंती भर लियो पिचकारी में रंग । होरी खेलन चल दिए ग्वाल-वाल के संग।।बृजेंद्र शर्मा ने पढ़ा- पुहुप परगना में फागन के रागण में, बौरान के झौरान में सुखमा समंत है। डॉ रमेश चंद्र आर्य ने कहा जो होली वह होली थी अब होली जो प्रिया प्रीतम के संग में।
इसके साथ ही विनोद बिहारी शर्मा, चंद्र प्रकाश द्विवेदी आनंद प्रकाश द्विवेदी, केशव देव उपाध्यक्ष, विनय शर्मा ,पुलिनबिहारी गौतम, हरवंश खंडेलवाल विजय गौतम, आदि ने भी अपने विचार रखें ,विश्वनाथ गुप्ता ने आभार व्यक्त किया।