धधकती आग से पांचवी बार निकला मोनू पंडा
मथुरा। हजारो साल पुरानी परम्परा तथा भक्ति की शक्ति को चरितार्थ करते हुए एक बार फिर कोसीकला के फालेन गाँव के रहने वाले मोनू पंडा ने होली की धधकती आग के बीच से निकल कर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया।
गौरतलब है कि मथुरा के कोसीकला स्थित फालेन गाँव में विगत हजारों वर्षों से गाँव के ही किसी व्यक्ति द्वारा होली की धधकती हुई आग की बीच में होकर निकलने की प्रथा चली आ रही है। जिसे गाँव के रहने वाले मोनू पंडा ने लगातार पाँचवीं वार निभाया है। होली के अवसर पर गाँव फालेन में विशाल होलिका दहन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। जिसे देखने व फिल्मानें के लिये देश विदेश की मीडिया फालेन गाँव पहुँचती है। इस अदभुत परम्परा को निभाने के लिये गाँव के प्रहलाद मन्दिर पर गाँव के ही रहने वाले मोनू पंडा ने विगत एक माह से तप करना प्रारम्भ कर दिया था। इस एक माह के दौरान मोनू पंडा ने अन्य त्याग कर केवल फलाहार कर एक माह व्यतीत किया। इस दौरान मोनू पंडा द्वारा प्रहलाद मन्दिर में विभिन्न यज्ञ व अनुष्ठानों का आयोजन भी किया गया।
होलिका दहन के दिन रविवार को गाँव में लोगों ने जम कर अबीर गुलाल खेला तथा भक्त प्रहलाद की भक्ेित से सम्बन्धित चौपाईयों का गायन किया। भक्त प्रहलाद लीला को साकार करने के लिये फालेन के नजदीकी पाँच गाँव की होली एक साथ फालेन में ही रखी गयी थी। शाम होते ही सभी गाँव के लोग भक्त प्रहलाद का गुणगान करते हुए प्रहलाद मन्दिर पर पहुँचे जहाँ मोनू पंडा हवन अनुष्ठान कर रहे थंे। होलिका दहन में धधकते शोलों के उपर से निकलने के पूर्व मोनू पंडा ने जलते हुए दीपक की लौ पर हाथ रख कर देखा। जब मोनू पंडा को दीपक की लौ ठंडी लगने लगी तो वह प्रहलाद कुण्ड में स्नान करने के लिये चला गया। पण्डा के स्नान के बाद प्रातः 4 बजे होलिका दहन कार्यक्रम शुरू किया गया। जिसमेंमोनू पंडा की बहन ने प्रहलाद कुण्ड से लोटे में जल भर कर होली की अग्नि पर छिडका। प्रहलाद मन्दिर के महन्त बाबा का संकेत पाते ही मोनू पंडा होलिका की धहकती अग्नि की ओर बढ गया और भक्त प्रहलाद तथा भगवान विष्णु का नाम लेते हुए मात्र 12 संेकेड मंे धधकती हुई आग के बीच से हो कर निकल गया। होलिका के दूसरी ओर खडे हुए बाबा ने तुरन्त मोनू पंडा को गले से लगा लिया। इस प्रकार मोनू पंडा ने लगातार पाँचवी बार होलिका की अग्नि के बीच से निकल कर एक बार फिर भक्ति की शक्ति को चरितार्थ किया है।