मैत्री घर में विधवा माताओं ने खेली फूलों की होली
समाज से निष्कासित माताओं की बेरंग ज़िंदगी में भरे रंग
वृंदावन। ब्रज में बसंत पंचमी से होली का प्रारंभ हो जाता है। सभी मंदिरों में रंगों की होली खेली जाती है। इसी क्रम में श्री धाम वृन्दावन के परिक्रमा मार्ग स्थित मैत्री घर में विधवा माताओं ने फूलो की होली खेली और भक्ति के गीतों पर नाचते हुए एक दूसरे को बधाई भी दी।
ब्रज में आजकल चारों तरफ होली की धूम मची हुई है. दूरदराज से पहुंच रहे श्रद्धालु होली का अद्भुत आनंद ले रहे हैं. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गुरुवार को मैत्री घर वृद्धा आश्रम में विधवा माताओं ने भी सभी परंपराओं को तोड़कर हर्षोल्लास के साथ फूलों की होली खेली। इस दौरान सभी के चेहरे खुशी से खिल उठे.
रूढ़िवादी परंपराओं और अपनों से दूर रहकर विधवा माताओं ने रंगोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया। इसके लिए कई क्विंटलो फुलों की व्यवस्था की गई। विधवा माताओं ने एक दूसरे के साथ जमकर होली खेली साथ ही भक्ति गीतों पर नाची।
106 वर्षीय रेणु माता ने बताया कि वे कई वर्षों से मैत्री घर मे रह रही है। मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं। पति के मरने के बाद बेटों ने उन्हें निकाल दिया। वृन्दावन आने के बाद अब मैत्री घर ही उनका घर है।
मैत्री घर के संस्थापक अध्यक्ष रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल भूपेंद्र सिंह एवं समाज सेविका बिन्नी सिंह ने बताया कि मैत्री घर का प्रारंभ 2012 में हुआ था। मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से सताई हुई महिलाएं इस मैत्री घर में रहती हैं। लगभग 95 माताऐं यहां रह रही है। पूरा परिवार होने के बावजूद भी इन महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं है। समाज से ठुकराई गई यह महिलाएं अब मैत्री घर का हिस्सा है सभी त्योहार यहां धूमधाम के साथ मनाए जाते हैं किसी तरह का कोई भेदभाव किसी के साथ नहीं किया जाता। स्वास्थ्य से लेकर मंदिरों के दर्शन एवं सभी प्रकार की सुविधाओं से सुसज्जित यह घर इन माता को समर्पित है।
कार्यक्रम में मैत्री घर के व्यवस्थापक महेश सिंह, राधा कुंड वृद्ध आश्रम के व्यवस्थापक संतोष चतुर्वेदी, रेखा राय, शेर सिंह, गुड़िया, गौरी, राजरानी, मोनिका, सोनिया आदि उपस्थित रहे।