रंगभरनी एकादशीः वृंदावन की पंचकोसीय परिक्रमा कर किया पुण्य अर्जित
– बांके बिहारी मंदिर में जमकर उड़ा अबीर गुलाल
– अबीर गुलाल से बृज की गलियां हुई सराबोर
– परिक्रमा में पुलिस की रही चाक-चैबंद व्यवस्था
वृंदावन। रंगभरी एकादशी पर लाखों लोगों ने वृंदावन की पंचकोसी परिक्रमा कर पुण्य लाभ अर्जित किया। बोर के प्रथम प्रहर से प्रारंभ हुआ परिक्रमाथियों का रेला देर शाम तक चलता रहा। इस दौरान पूरा परिक्रमा मार्ग अबीर गुलाल से अटा रहा।
होली को ब्रज के प्रमुख त्योहारों में सबसे ज्यादा महत्व एवं धार्मिक मान्यताओं वाला माना जाता है। इसीलिए कहा भी गया है कि सब जग होरी तो ब्रज में होरा। इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि पूरे संसार में जहां होली 1 दिन खेली जाती है तो वहीं ब्रज में पूरे 40 दिन होली खेलने का चलन है। जिसकी शुरुआत बसंत पंचमी से ही हो जाती है और नगर के सभी मंदिरों में गुलाल की वर्षा में सराबोर होने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से यहां खिंचे चले आते हैं। साथ ही वृंदावन की पंचकोसी परिक्रमा कर एक दूसरे को अबीर गुलाल में रंगना यहां की परंपरा है। इस बार भीड़ ने विगत वर्षों के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। लाखों की संख्या में लोगों ने वृंदावन की परिक्रमा कर पुण्य लाभ अर्जित किया। इस दौरान लोग होरी के रसिया की जय राधा रानी की जय बोलते हुए परिक्रमा कर रहे थे और अपरिचित अपरिचित सभी को अबीर गुलाल लगा रहे थे। पूरा परिक्रमा मार्ग अबीर गुलाल के सतरंगी रंगों में रंगा हुआ नजर आ रहा था।
वहीं दूसरी ओर जन-जन के आराध्य ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भी होली की मस्ती के बीच श्रद्धालुओं पर गोस्वामी जनों द्वारा रंगों की वर्षा की गई। जिससे पूरा मंदिर परिसर सतरंगी छटा में रंगा हुआ नजर आ रहा था। वही मंदिर के सेवायत गोस्वामी ब्रजकिशोर गोस्वामी ने बताया कि रंगभरनी एकादशी से शुरू हुआ रंग और गुलाल का यह सिलसिला 25 तारीख तक चलेगा और रोजाना यहां भक्तों पर गुलाल के साथ फूलों की होली और टेसू के रंगों से बने रंग से होली खेली जाएगी।