कृषक गोष्ठी एवं सामूहिक सभा का आयोजन
महेश शर्मा
धामपुर। गन्ना विकास परिषद/शुगर मिल धामपुर के अंतर्गत गन्ने के रेड रॉट रोग से प्रभावित ग्राम कोडी़पुरा,गजरौला,भूरपुर के मध्य ग्राम गजरौला में गन्ना किसान संस्थान मुरादाबाद के तत्वाधान में एक वृहद कृषक गोष्ठी एवम सामूहिक सभा का आयोजन किया गया।
गौष्ठी में कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ दीपक कुमार,कृषि वैज्ञानिक डॉ हसन तनवीर,सचिव गन्ना समिति मनोज कांट,ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक धामपुर अमित कुमार पाण्डेय,वरिष्ठ गन्ना प्रबन्धक शुगर मिल धामपुर मनोज चौहान,गन्ना पर्यवेक्षक के साथ सैकड़ों की संख्या में कृषक बंधुओ ने प्रतिभाग किया। आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ दीपक कुमार ने उपस्थित कृषकों को गन्ने के रेड रॉट बीमारी जिसे गन्ने का कैंसर कहा जाता है के बचाव एवं उपचार के विभिन्न आयामों जैसे, प्रभावित क्लैम्प को गहराई से उखाड़ कर ब्लीचिंग पाउडर का प्रयोग,बुवाई के समय Trichoderma का प्रयोग करने की सलाह दी।
डा. हसन तनवीर ने प्रजातीय संतुलन को 0238 के विस्थापन हेतु अन्य संस्तुत एवम रोगरोधी प्रजातियों,Co118,98014,
15023,colk14201,Cos 13235 आदि की बुवाई करने, बीज शोधन के उपरांत बुवाई करने,मृदा परीक्षण उपरांत मृदा कार्बन के स्तर को बनाए रखने हेतु कार्बनिक,जैविक,हरी खाद एवं रसायनिक खादों के संतुलित मात्रा में प्रयोग करने का सुझाव दिया।
ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक ने विभागीय योजना,गन्ना समिति में बसंत काल गन्ना बुवाई हेतु कृषि निवेश तथा नवीन प्रजातियों के बीज उपलब्धता,गन्ने की पत्तियों एवं पराली के जलाने से होने वाले नुकसान बारे में जानकारी दी गई। साथ ही गन्ने की पत्तियों को न जलाने,एवं मल्चर का प्रयोग करने का सुझाव दिया।
सचिव गन्ना समिति ने समिति में ट्रैक्टर के साथ स्थापित फॉर्म मशीनरी बैंक के बारे में जानकारी दी।
वरिष्ठ गन्ना प्रबन्धक मनोज चौहान ने शुगर मिल धामपुर द्वारा बसंत कालीन बुवाई में कृषकों को दी जा रही सुविधाओं तथा बीज उपचार हेतु हेक्सास्टोप, भूमि उपचार के लिए ट्रिइकोडरमा 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्धता के बारे में जानकारी दी गई।
इस दौरान उपस्थित कृषकों को विभागीय योजनाओं,फार्म मशीनरी बैंक,गन्ने की पत्तियों को न जलाने एवं रेड रॉट रोग से संबन्धित पम्पलेट भी वितरित किए गए।
इस दौरान ग्राम के 19 कृषकों महेंद्र सिंह,बसंत सिंह आदि को गन्ने की उत्कृष्ट खेती जैसे ट्रेंच विधि,सहफसली,कार्बनिक खेती, विविधिकरण लिए फावड़ा़, पलकती,बाल्टी आदि देकर प्रोत्साहित किया गया।