धन्‍वंतरि के 3 नियम, आज ही अपना लें, जीवन में बरसेगा अपार सुख, बता रहे हैं AIIA डीन प्रो. व्‍यास

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Dhanvantari Jayanti 2023: आज सिर्फ धनतेरस ही नहीं है बल्कि धन्‍वंतरि जयंती भी है. इसी दिन आयुर्वेद दिवस भी मनाया जाता है. धन्‍वंतरि को आयुर्वेद का जनक माना जाता है. हालांकि सिर्फ आयुर्वेद पद्धति ही नहीं बल्कि सभी चिकित्‍सा पद्धतियों फिर चाहे योग, यूनानी, सिद्धा, नेचुरोपैथी, एलोपैथी या होम्‍योपैथी हो, सभी में धन्‍वंतरि को आरोग्‍य का देवता मानकर पूजा की जाती है. धन्‍वंतरि की कृपा से न केवल निरोग की प्राप्ति होती है बल्कि मां लक्ष्‍मी और सरस्‍वती भी हमेशा उसके पास रहती हैं और जीवन में जरूरी सभी सुख, कीर्ति और ऐश्‍वर्य प्रदान करती हैं.

आपको बता दें कि धन्‍वंतरि ने जीवन में निरोग, सुखी और संपन्‍न रहने के लिए 3 नियम बताए हैं, अगर आप इन नियमों को जानकर उन्‍हें अपने जीवन में अपना लेते हैं तो निश्चित ही आपके जीवन के सभी क्‍लेश मिट जाएंगे और सुख की बरसात होने लगेगी. स्‍वास्‍थ्‍य धन की प्राप्ति के साथ तिजोरी का भी खजाना भरने लगेगा. यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि आयुर्वेद के जाने माने विशेषज्ञ कह रहे हैं.

दिल्‍ली स्थित ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में पीएचडी डीन, प्रोफेसर महेश व्‍यास कहते हैं कि सुश्रुत संहिता में स्‍पष्‍ट रूप से कहा गया है कि आयुर्वेद में शल्‍य चिकित्‍सा के जनक धन्‍वंतरि हैं. आयुर्वेद ही नहीं धन्‍वंतरि पूरी चिकित्‍सा के ही प्रणेता हैं. धनतेरस भी धन्‍वंतरि जी की वजह से ही मनाई जाती है और भारत सरकार का आयुष मंत्रालय इसी दिन आयुर्वेद दिवस भी मनाता है.

प्रो. व्‍यास कहते हैं कि अगर आप आयुर्वेद को मानते हैं या नहीं भी मानते हैं, तो भी धन्‍वंतरि के बताए 3 नियमों का अगर पालन करते हैं तो आपके जीवन में खुशियां बहने लगेंगी. सभी को ये नियम अपनाने भी चाहिए.

क्‍या हैं धन्‍वंतरि के तीन नियम..

पहला नियम आहार
प्रो. व्‍यास कहते हैं कि आयुर्वेद में आहार का बड़ा महत्‍व है. इसे आयुर्वेद में सुप्रीम मेडिसिन कहा जाता है. आयुर्वेद के अनुसार अगर किसी का आहार ठीक कर दिया तो उसकी सभी बीमारियां अपने-आप ठीक हो जाएंगी. आहार सही होने से शरीर में रोग आएंगे ही नहीं. चूंकि आयुर्वेद का नियम ही है कि बीमार न होने देना, ऐसे में धन्‍वंतरि के अनुसार धनतेरस के दिन से ही आहार को सुधारने का संकल्‍प लेना चाहिए. समय से भोजन करना चाहिए. इसके अलावा किस ऋतु में और किस आयु में क्‍या खाएं, क्‍या न खाएं, इस नियम का पूरी तर‍ह पालन करने से आरोग्‍य और स्‍वास्‍थ्‍य की प्राप्ति होती है.

दूसरा नियम निद्रा
दूसरे नियम के अनुसार व्‍यक्ति को पर्याप्‍त नींद लेना जरूरी है. रात में जल्‍दी सोना और सुबह सूर्योदय से पहले उठना, धन्‍वंतरि का प्रमुख नियम है. अगर व्‍यक्ति इस नियम का पालन करता है तो वह सभी प्रकार के रोगों से बचा रहता है. इस नियम के तहत 6-7 घंटे की नींद जरूर लें, सुबह साढ़े 5 बजे से पहले उठ जाएं.

तीसरा नियम है व्‍यायाम
धन्‍वंतरि जी ने तीसरा नियम बताया है व्‍यायाम. रोजाना व्‍यायाम जरूर करना चाहिए. चाहे आप प्राणायाम करें, योग करें, योगासन करें या सुबह सिर्फ टहलें लेकिन जरूर करें. इससे शरीर को उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य की प्राप्ति होती है.

क्‍या हैं फायदे
प्रो. व्‍यास कहते हैं कि धन्‍वंतरि के बताए इन 3 नियमों के अनुसार ही आयुर्वेद, नेचुरोपैथी, सिद्धा, यूनानी आदि चिकित्‍सा पद्धतियां चलती हैं. अगर व्‍यक्ति रोजाना के जीवन में इन्‍हें अपना ले, उसका वर्तमान और भविष्‍य उज्‍जवल होना तय है. रोगों से मुक्‍त व्‍यक्ति सभी प्रकार से सुख के साधन अर्जित कर सकता है. रोगों से घिरा हुआ व्‍यक्ति धन और विलासिता की हजारों चीजें होते हुए भी उसका उपभोग नहीं कर सकता है. इसलिए कोशिश करें कि इस धन्‍वंतरि जयंती पर इन नियमों के पालन का संकल्‍प लें.

Tags: Dhanteras, Diwali, Lifestyle, Trending news

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